राजकोट: जन्माष्ठमी के पावन पर्व पर मिल रहे लंबे सप्ताहांत का मज़ा उठाना चाहते है लोग, घूमने की बना रहे है योजना

राजकोट: जन्माष्ठमी के पावन पर्व पर मिल रहे लंबे सप्ताहांत का मज़ा उठाना चाहते है लोग, घूमने की बना रहे है योजना

दो साल से घरों में बैठे लोगों के लिए गोवा, शिमला-मनाली, कश्मीर, लेह लद्दाख, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और हरिद्वार जैसी जगह प्राथमिक

जन्माष्टमी के पावन अवसर पर मिलने वाली छुटियाँ कल से शुरू हो रही है। कल शनिवार और रविवार के सप्ताहांत होने के साथ- साथ सोमवार को जन्माष्टमी की छुट्टी होने से लोगों को आनंद ही आनंद मिल रहा है। ऐसे में बीते दो साल से कोरोना के कारण अपने अपने घरों में बंद नीरस जिंदगी जीने वाले शहरी लोग कोरोना की वैश्विक महामारी को भूल कर अपने परिवार और दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताने की योजना बना रहे है। इसके लिए लोग डोमेस्टिक प्लेस चुनकर टूर बुक कर रहे हैं। इसमें गोवा, मनाली, लद्दाख समेत सबसे खूबसूरत जगहों को प्राथमिकता दी जा रही है।  ऐसे में शहर के टूर्स एंड ट्रैवल्स कार्यालय में लोगों को बुकिंग के लिए हाथ-पांव मारते देखा गया है।
आपको बता दें कि पिछले दो साल से कोरोना ने लोगों का उत्साह और खुशियों को खराब कर रखा है। राज्य में कोरोना के मामलों की बढ़ती संख्या के कारण लोग अपने अपने घरों में दुबके पड़े थे लेकिन अब जब दो साल बाद कोरोना के मामले फिर जोरों पर हैं तो लोगों ने राहत की सांस ली है। एक समय था जब कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे थे। जिसके चलते लोगों को सैर पर जाना नहीं बल्कि घर से बाहर निकलना भी पसंद नहीं था। लेकिन अब जब हालात काबू में आ रहे हैं तो सरकार और लोगों ने राहत की सांस ली है। इसमें कोई भी दो राय नहीं है कि जन्माष्टमी सौराष्ट्र के लोगों का पसंदीदा त्योहार है। सातवां-आठवां पर्व कल से शुरू हो रहा है। फिर लोग इस त्योहार पर आराम करने के लिए बाहर घूमने का विकल्प चुन रहे हैं।  जिससे पहले से बुकिंग कराने के लिए लोग टूर ऑफिस का रुख कर रहे हैं। राजकोट के टूर एंड ट्रैवल्स के निदेशक दीपकभाई करिया ने कहा, "लोग अंतरराष्ट्रीय दौरों से ज्यादा घरेलू दौरों को चुन रहे हैं। क्योंकि कोविड के कारण कई अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों पर जाना संभव नहीं है। साथ ही लोग सख्त नियमों के कारण विदेश यात्रा करने से बच रहे हैं। इस पर भी गोवा, शिमला-मनाली, कश्मीर, लेह लद्दाख, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और हरिद्वार जैसी खास जगहों को प्राथमिकता दी जाती है।
कोरोना की दूसरी घातक लहर के दौरान कई लोगों ने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को खो दिया है। ऐसे में लोग इस डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए आराम करने का विकल्प चुन रहे हैं। नतीजतन, दो साल से खाली टूर ऑपरेटरों के कार्यालय अब पर्यटकों से भरे हुए हैं।