अहमदाबाद : सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे किसान! जानें

अहमदाबाद : सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे किसान! जानें

किसानों ने भारत माला परियोजना के विरोध में छह अक्टूबर से सत्याग्रह शिविर में भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला किया है

आंदोलन की नगरी बन चुकी राज्य की राजधानी गांधीनगर में एक बार फिर से एक नए आंदोलन की आवाजें सुनने को मिल रही हैं। गांधीनगर जिले के 42 गांवों के किसानों ने भारत माला परियोजना के विरोध में छह अक्टूबर से सत्याग्रह शिविर में भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला किया है। इससे पहले किसान कई बार याचिकाएं दे चुके हैं, लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ और उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठने का ऐलान किया गया है। गांधीनगर जिले के 42 गांवों के किसानों ने भारतमाला परियोजना का विरोध किया और याचिका दायर की। जिन किसानों को आज तक जवाब नहीं मिला उनका धैर्य खत्म हो गया है। इसके बाद किसानों ने छह अक्टूबर को सेक्टर-6 स्थित सत्याग्रह शिविर में अनशन पर बैठने की धमकी दी है।


छीन ली जाएगी किसानों की रोज की रोटी


राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भारतमाला परियोजना के तहत थरद से अहमदाबाद तक एक्सप्रेस सिक्स लेन हाईवे का निर्माण किया जा रहा है। इसको लेकर किसान आक्रोशित हैं। हाईवे बन गया तो गांधीनगर जिले के 42 गांवों के 2000 किसानों की बेशकीमती जमीन खत्म हो सकती है। इस भूमि में किसान इस समय साल की तीन फसलें ले रहे हैं। फिर किसानों की रोजी रोटी छीन ली जाएगी। क्योंकि उनकी कृषि भूमि का उपयोग राजमार्ग निर्माण के लिए किया जाएगा। इससे जिले के तमाम किसान आक्रोशित हैं।

किसानों में फूटा गुस्सा


राजमार्ग निर्माण के लिए अपनी कीमती जमीन नहीं देने के संकल्प के साथ जिले के 42 गांवों के किसानों ने गत 20 सितंबर को सत्याग्रह शिविर में धरना दिया था। फिर आवेदन पत्र जिला कलेक्टर को दिया गया। हालांकि, आवेदन पत्र जमा किए एक पखवाड़े का समय हो गया है। हालांकि, कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। इसको लेकर किसानों में गुस्सा फूट पड़ा है। साथ ही भारतमाला परियोजना का विरोध कर रहे प्रभावित किसानों की समिति ने राज्य सरकार के पांच मंत्रियों की समिति से मिलने के लिए चार बार 
समय मांगा है। हालांकि किसानों का आरोप है कि मंत्रियों की समिति द्वारा किसानों की बात सुनने का समय नहीं दिया जा रहा है। 
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