अहमदाबाद : एक और परिवार हुआ ‘मवेशियों’ का शिकार, दो बेटियों के पिता की आवारा जानवर के कारण हुई मौत

इस मामले के बाद ये सवाल फिर उठता है कि मनपा ने कोर्ट के आदेश को मानने के लिए क्या कदम उठाये

हम आये दिन अपने आसपास आवारा पशुओं को घुमते और लोगों पर हमला करते हुए देखते है। राज्य भर में इन पशुओं का आतंक चरम पर है। आये दिन किसी न किसी दुर्घटना की जानकारी सामने आती रहती है। इस मामले पर गुजरात हाई कोर्ट ने सरकार और मनपा को आड़े हाथ लिया था। अब अहमदाबाद महानगर पालिका की लापरवाही का एक और सबूत सामने आया है। अहमदाबाद के नरोदा इलाके में आवारा मवेशियों ने एक और युवक की हत्या कर दी। आवारा मवेशियों की चपेट में आने से युवक के सिर में गंभीर चोट आई है। इसके बाद घायल युवक को अस्पताल ले जाया गया। जहां मेडिकल रिपोर्ट से पता चला कि भाविन पटेल के मस्तिष्क में कई बार रक्तस्राव हुआ था। हालांकि, अंत में सिर में गंभीर चोट लगने से घायल भाविन पटेल की अस्पताल में मौत हो गई। इसलिए परिवार जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। एएमसी की घोर लापरवाही से भावीन पटेल के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

ये कहना हैं बहन का, मनपा के खिलाफ शिकायत


आपको बता दें कि इस मामले में मृतक भाविन पटेल की बहन मेघल अमीन का कहना है, ''दुर्घटना मेरे भाई की गाय के टकराने से हुई है। सरकार से मांग करें कि इस गाय को यहां से हटा दें। यहां गायों की जरूरत नहीं है। मेरा भाई तो आज चला गया पर क्या सरकार नहीं जानती कि इन गायों को यहां से हटा देना चाहिए। हम लोग नगर पालिका के खिलाफ मामला दर्ज कराना चाहते हैं। गायों को हमारे रास्ते से हटाओ। आज मेरे 38 वर्षीय भाई की मृत्यु हो गई है। घर में दो छोटी बेटियां हैं, उनका भरण पोषण कौन करेगा। वो लोग नहीं समझते। डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों ने हमारी मदद की, लेकिन इस सड़क पर आवारा गायों का क्या करें? बस इसे यहाँ से निकालो।
जबकि मृतक के चाचा कहते हैं, 'उसकी दो छोटी लड़कियां हैं। यह किसकी यातना के कारण हुआ। हम शिकायत नहीं करेंगे लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि आवारा पशुओं की संख्या कम की जाए।'

फिर खड़े हुए कुछ ज्वलंत प्रश्न


इस मामले के बाद ये तो साफ़ है कि कोर्ट द्वारा दिए आदेशों की जमकर अवहेलना हुई है। इसके साथ साथ ये प्रश्न भी खड़े होते है कि क्या सिर्फ कागजों पर ही आवारा पशुओं की गिरफ्तारी हुई है? हाईकोर्ट से कई बार गुहार लगाने के बाद भी एएमसी ने क्या किया? सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि कब तक मासूम लोग और उनका परिवार आवारा जानवरों का शिकार होते रहेंगे? और राज्य में आवारा पशुओं से और कितने लोगों की मौत होगी?

सितंबर में राज्य भर में 471 लोग बने आवारा पशुओं का शिकार


उल्लेखनीय है कि सितंबर माह में प्रदेश भर में आवारा पशुओं के कारण कुल 471 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इन 471 लोगों में से 108 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिसमें अहमदाबाद में सौ से ज्यादा हादसे हो चुके हैं, जिनमें 52 लोग हैं। जबकि अमरेली में 17, आणंद में 8, अरावली में 17, बनासकांठा में 21, भरूच में 10 और भावनगर में 19 लोग हादसे का शिकार हुए हैं।
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