अहमदाबाद : पाकिस्तान से आये एक फोन से कोटड़ा गांव में मातम, परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूटा

अहमदाबाद : पाकिस्तान से आये एक फोन से कोटड़ा गांव में मातम,  परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूटा

कोटड़ा गांव के 44 मछुआरे अभी भी पाकिस्तान की जेल में कैद हैं

 पाकिस्तान में कैद एक और भारतीय मछुआरे की मौत हो गई है। वहीं एक अन्य मछुआरे की हालत गंभीर है और वह ऑक्सीजन पर है। गिर सोमनाथ के कोटड़ा गांव के कई परिवार पाकिस्तान जेल में हैं। हाल ही में पाकिस्तानी जेल में दूसरे माछीमार की मौत होने पर परिवार के लोग  अब उसके शव कब वापस आएगा उसका इंतजार कर रहे है।
गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार के कोटड़ा गांव में पाकिस्तान से आये एक कॉल से मातम छा गया है। जहां दो दिन पहले पाकिस्तान की जेल में बंद इस गांव के एक युवक ने अपने घर फोन कर जानकारी दी कि उसके साथी मछुआरे और इसी गांव के मूल निवासी जीतू जीवा बरिया का निधन हो गया है। इतना ही नहीं, एक अन्य मछुआरे रामजी राजा चावड़ा अस्पताल में ऑक्सीजन पर हैं और वे जीवन और मृत्यु के बीच झूल रहे हैं।

गिर सोमनाथ के 431 मछुआरे हैं, जिसमें कई मछुआरे 4 से 5 साल से जेल में बंद हैं 


गौरतलब है कि ऊना के मछुआरे का शव कुछ दिन पहले ही उसके गृहनगर आया है। कुछ दिनों बाद, एक और मछुआरे की पाकिस्तानी जेल में मौत हो गई, वहीं एक और मछुआरा बीमार है। इससे कोटड़ा गांव के मछुआरा परिवारों में कोहराम मच गया है। परिवार की महिलाएं रो रही हैं। क्योंकि कोटड़ा गांव के 44 मछुआरे अभी भी पाकिस्तान की जेल में कैद हैं। पाकिस्तान की जेल में एक मछुआरे की मौत की खबर से हड़कंप मच गया है। ऐसे में मृत मछुआरे के परिजन अपने बेटे के शव को लेकर चिंतित हैं। इसलिए अन्य मछुआरों के परिवार सरकार के साथ इस उम्मीद में बैठे हैं कि सरकार उनके मछुआरों को तुरंत रिहा कराकर वापस लाए। हालांकि अकेले कोटड़ा गांव के 44 समेत गुजरात समेत देश भर से 641 भारतीय मछुआरे पाक जेल में कैद हैं।  गिर सोमनाथ के 431 मछुआरे हैं। जिसमें कई मछुआरे 4 से 5 साल से जेल में बंद हैं, मछुआरों के परिवार इन मछुआरों को जल्द से जल्द रिहा करने और शव वापस लाने की मांग कर रहे हैं। 
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