अहमदाबाद : सत्र न्यायालय ने हत्यारे पिता को मानवीय आधार पर बेटे का अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी

अहमदाबाद : सत्र न्यायालय ने हत्यारे पिता को मानवीय आधार पर बेटे का अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी

हत्यारे पिता की पुलिस जाप्ता के तहत अंतिम संस्कार तक अंतरिम जमानत दी गई

शहर के अंबावाड़ी इलाके में अपने शराबी बेटे की बेरहमी से हत्या करने वाले हत्यारे पिता नीलेश जयंतीलाल जोशी को यहां की सत्र अदालत ने आखिरकार अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दे दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बीएस चौहान ने हत्यारे पिता की उस याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें मानवीय आधार पर अपने दिवंगत बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी गई थी।
सत्र न्यायालय ने पुलिस जाप्ता के तहत हत्यारे पिता को दिवंगत बेटे के दाह संस्कार के लिए अंतरिम जमानत दी थी। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को उस दिन वहां ले जाना चाहिए जिस दिन अहमदाबाद नगर निगम द्वारा याचिकाकर्ता के बेटे का अंतिम क्रिया किया जाएगा और अंतिम अधिनियम पूरा होने के बाद वापस जेल भेज दिया जाए। अदालत ने सरकार से पुलिस जब्ती का खर्च वहन करने का भी अनुरोध किया। इससे पहले मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने हत्यारे पिता की याचिका को कड़े तेवर से खारिज कर दिया था, इसलिए हत्यारे पिता ने सेशन कोर्ट में अर्जी दी थी।
सरकार पक्ष के लोक अभियोजक सुधीर बी ब्रह्मभट ने कहा कि आरोपी पिता ने अपने ही बेटे की हत्या का जघन्य अपराध बहुत ही बेरहमी से किया है। लेकिन अब अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने की उनकी आखिरी इच्छा है, अदालत मानवीय तरीके से उचित फैसला ले सकती है। इससे पहले हत्यारे के पिता ने अदालत से अनुरोध किया था कि उनके बेटे के शव को फिलहाल ठंडे घर में रखा गया है और उनके अंतिम संस्कार के लिए यहां कोई मौजूद नहीं है। याचिकाकर्ता की पत्नी अपनी बेटी के साथ रहने चली गई है जो जर्मनी में पढ़ रही है और इसलिए बेटे का अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं है। इन परिस्थितियों में उन्हें अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए।
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