
अहमदाबाद : पतंग पकड़ने के दौरान लगा था करंट, 9 वर्षीय बालक ने जीती मौत के खिलाफ जंग
By Loktej
On
12 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद बच्चे को मिली अस्पताल से छुट्टी, करंट लगने के कारण कोमा में चला गया था बालक
अहमदाबाद की डिवाइन अस्पताल में भर्ती एक 9 वर्षीय बालक ने 12 दिन के इलाज के बाद मौत के खिलाफ अपनी जंग जीती है। मूल रूप से नडियाद के रहने वाले 9 वर्षीय बालक अपनी छत पर पतंग उड़ा रहा था। इस दौरान उसकी पतंग कट गई तो वह पतंग पकड़ने के लिए दौड़ा था। पतंग पकड़ने के लिए दौड़ा बालक मकान के बगल में से ही जा रहे 11000 वॉल्ट के हाईवोल्टेज वायर से चिपक गया था। करंट लगने के कारण बालक का शरीर 6 से 7 फिट ऊपर उछल गया था और उसका दिल भी बंद हो गया था तथा नाक और मुंह में से खून भी निकलने लगा था। जिसके चलते बालक कोमा में चला गया था।
भारी करंट लगने के कारण बच्चे के अधिकतर अंग फेल हो गए थे। फेफड़े भी काफी कमजोर हो गए थे। करंट के कारण बालक के स्नायु लगातार टूट रहे थे तथा दिमाग में भी सूजन आ गई थी। हाईवोल्टेज करंट के कारण लीवर जैसे महत्व के अंग भी काफी नुकसान हुआ था। जिसके चलते उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। फेफड़ों से आ रहे खून को बंद करने के लिए कई तरह की दवा शुरू की गई थी। हृदय द्वारा खून की पंपिंग शुरू करने के लिए तीन अलग-अलग तरह के इंजेकशन लगाये गए थे। दिमाग पर की सूजन कम करने के लिए तथा लगातार आ रही खींच के लिए भी विभिन्न इंजेक्शन दिये जा रहे थे।
इसके बाद बच्चे को एम्बुलेंस द्वारा अहमदाबाद के मेमनगर स्थित डिवाइन अस्पताल अहमदाबाद में स्थानांतरित कर दिया गया। बच्चे का इलाज अहमदाबाद के चाइल्ड क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉक्टर हार्दिक पटेल और डिवाइन हॉस्पिटल की टीम डॉ. सोलंकी ने किया। डॉ. हार्दिक पटेल ने कहा कि करीब सात दिनों के गहन उपचार के बाद धीरे-धीरे महत्वपूर्ण अंग मजबूत हुए और बच्चा गंभीर स्थिति से बाहर आ गया। तब से बच्चे को वेंटिलेटर से सफलतापूर्वक हटा दिया गया है। करीब 12 दिनों की मेहनत के बाद चेहरे पर मुस्कान के साथ बच्चे को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। ऐसे बच्चों के मामले बहुत कम होते हैं और उनमें से ज्यादातर की मौके पर ही मौत हो जाती है। यदि कोई बच्चा जीवित रहता है, तो आमतौर पर बिजली के झटके के कारण शारीरिक या मानसिक विकृति होती है।
Tags: Ahmedabad