लाखों की नौकरी छोड़ युवा डॉक्टर ने वतन लौट कर अपनी जमा पूंजी से कोविड केयर सेंटर की तैयारी की

लाखों की नौकरी छोड़ युवा डॉक्टर ने वतन लौट कर अपनी जमा पूंजी से कोविड केयर सेंटर की तैयारी की

रशिया की लाखों की नौकरी छोड़ अहमदाबाद के माविया गाँव में मरीजों का निशुल्क इलाज कर रहे हैं डॉ रोहित

वर्तमान समय में कोरोना के संकट से जूझ रहे देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जो जरूरतमंदों की सेवा करने के लिए अपना सर्वस्व निछावर करने को तैयार खड़े हैं। अहमदाबाद के एक डॉक्टर का भी नाम इन्हीं लोगों में जुड़ गया है। यह डॉक्टर अपनी लाखों की नौकरी छोड़ कर अपने मूल वतन मोविया में आकर गरीब लोगों का निशुल्क इलाज कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार गोंडल तालुका के मोवीया गांव के रहने वाले डॉक्टर रोहित बलाड़ा ने एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने हार्टडिजीज या दिल की बीमारी पर पीएचडी भी की। डॉ रोहित का रशियन भाषा पर प्रभुत्व होने के कारण वो मॉस्को की पीपल फ्रेंडशिप यूनिवर्सिटी ऑफ रशिया में विजिटिंग फैकल्टी के रूप में भी काम कर रहे थे। साथ ही जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अपने आधिकारिक दौरे पर रशिया गए तब डॉक्टर रोहित ने ही ट्रांसलेटर की भूमिका निभाई थी। ऐसे में जब रोहित के मातृवतन भारत पर कोरोना का संकट छाया तो फिर डॉ रोहित ने लाखों की नौकरी को छोड़ते हुए अपने बचत के पैसों को लेकर अहमदाबाद वापस आ गए और अपनी पत्नी डॉक्टर भूमि गढ़िया के साथ मिलकर गांव में गरीब लोगों के लिए निशुल्क कोविड केयर सेंटर की स्थापना की।
डॉ रोहित ने यह कदम अपने मां के कहने पर उठाया जिन्होंने अपने जीवन में गरीबी को करीब से झेला है। डॉक्टर रोहित अहमदाबाद वापस आते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपने गांव वालों के लिए एक कोविड केयर सेंटर की शुरुआत करते हैं जो जल्द ही कार्यरत हो जाएगा। आपको बता दें आपको बता दें कि रोहित ने अपने गाँव में गरीबों के लिए कोविड केयर सेंटर स्थापित करने के लाखों की कीमत वाले मेडिकल साधनों को अपने खर्चे पर मंगवाया हैं। डॉक्टर रोहित 4 एमबीबीएस डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ पूरा कोई केयर सेंटर निशुल्क चलाएंगे जिसमें मरीजों के लिए ओपीडी लैब दवा ऑक्सीजन बैंड जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी
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