कोरोना की वजह से खोया अपना पुत्र, अब यह दंपत्ति अपनी FD तोड़ कर लोगों की कर रहा है सेवा

कोरोना की वजह से खोया अपना पुत्र, अब यह दंपत्ति अपनी FD तोड़ कर लोगों की कर रहा है सेवा

अब तक 200 आइसोलेट मरीजों को पहुंचा चुके है कोरोना किट, 350 से भी अधिक लोगों का वैक्सीनेशन करवाया

देश भर में कोरोना का कहर अपने चरम पर है। हर दिन कोरोना से मरने वाले मरीजों के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे है। कोरोना की दूसरी लहर से देश का स्वास्थय ढांचा पूरी तरह से बिगड़ चुका है। हालांकि इस गंभीर महामारी के बीच भी कुछ लोग ऐसे है, जो लगातार अन्य लोगों की सेवा करने से पीछे नहीं हट रहे। आज हम आपको एक ऐसे ही दंपत्ति से मिलवाने जा रहे है, जो कोरोना की इस महामारी में निस्वार्थ भावना का पर्याय बना हुआ है। 
अहमदाबाद के इस दंपती ने पिछले साल ही कोरोना के कारण अपने पुत्र को खो दिया था। जिसके चलते रसिक मेहता और उनकी पत्नी कल्पना मेहता अब निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने में जुटे है। पुत्र के चले जाने मे बाद उसके लिए की हुई 15 लाख की एफ़डी को तोड़ कर उस पैसों से अब लोगों की मदद कर रहे है। अब तक यह दंपत्ति 200 आइसोलेट मरीजों को कोरोना की किट पहुंचा चुका है। इसके अलावा 350 से भी अधिक लोगों को अपने खर्च पर टीका लगवा चुके है। 
इस बारे में रसिक मेहता कहते है कि जब तक संभव होगा वह लोगों की सहायता करते रहेंगे। वह रोज ऐसे लोगों को ढूंढते है, जिन्होंने अब तक टीका नहीं लगवाया है। इसके बाद वह लोगों को अपने साथ अपनी कार में ही टीका लगाने ले जाते है। इसके अलावा वह कोरोना के मरीजों के लिए अपनी कार को भी एम्ब्युलेंस के तौर पर देते है। रसिक भाई का कहना है कि उनका मात्र इतना प्रयत्न है कि जो उनके साथ हुआ वह किसी और के साथ ना हो।