The purely civilian center of #Kharkiv, before and after Putin's 'Denazification'.#PutinAtWar pic.twitter.com/2fSZjyFKT7
— Julian Röpcke???????? (@JulianRoepcke) March 4, 2022
यूक्रेन में रहने वाली 25 वर्षीय अलेक्जेंड्रा की आपबीती मानने को तैयार नहीं है मॉस्को में रहने वाली उसकी मां!
By Loktej
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रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ी हुई है और दुनिया भर के लोग विभिन्न समाचार माध्यमों के द्वारा जानकारियां पा रहे हैं। सोशल मीडिया के दौर में यह भी देखा गया है कि कुछ पुरानी जानकारियों, चित्रों एवं वीडियो को साझा कर उसे वर्तमान जंग का हिस्सा बताकर प्रचारित किया जा रहा है। सच और झूठ को दिखाने वाली इन कहानियों में लोग उलझ कर रह गए हैं। दुनियाभर के ही नहीं, यूक्रेन और रशिया के रहने वाले भी कई बार खुद को असमंजस में पा रहे हैं कि कौन सी चीज पर विश्वास करें और किस पर नहीं।
यूक्रेन के खार्किव शहर में रहने वाली 25 वर्षीय युवती अलेक्जेंड्रा के साथ भी आजकल ऐसा ही कुछ हो रहा है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार अलेक्जेंड्रा खार्किव में एक शेल्टर के बाथरूम में पिछले कई दिनों से रह रही है। उसके साथ उसके चार पालतू कुत्ते भी रह रहे हैं। यहां सोचने वाली बात यह है कि अलेक्जेंड्रा की मां रशिया की राजधानी मॉस्को में रहती है। यूक्रेन और रशिया में यह एक आम बात है कि कई परिवार के सदस्य इन दो देशों में रहते हैं।
बीबीसी को दिए इंटरव्यू में अलेक्जेंड्रा ने बताया है कि वह रोज अपनी मां के साथ फोन पर बात कर रही है। अपनी बातचीत के दौरान वह रूसी सेना द्वारा यूक्रेन में जिस प्रकार आम नागरिकों पर कहर बरपाया जा रहा है, उसका चित्रण करती है। उसने कुछ वीडियो भी अपनी मां को भेजे हैं। लेकिन अलेक्जेंड्रा के अनुसार उसकी मां उसके द्वारा बताई गई किसी भी बात को मानने को ही तैयार नहीं है।
आपको बता दें कि रूस ने अपने यहां सभी विदेशी समाचार माध्यमों पर रोक लगा रखी है। रूस में सरकारी प्रसार माध्यमों के द्वारा ही खबरें आम लोगों के सामने प्रदर्शित की जा रही हैं। उनके सामने केवल वह जानकारी ही पहुंच रही है जो रूसी सरकार दिखाना चाह रही है। ऐसे में अलेक्जेंड्रा की मां यही समझ रही है कि रूस की सेना यूक्रेन के लोगों को आजादी दिलाने के लिए गई है। वह केवल यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर ही हमला कर रही है और यूक्रेन के नागरिकों को किसी प्रकार कठिनाई नहीं पहुंचा रही। अलेक्जेंड्रा जब जोर देकर कहती है कि वह धमाकों के बीच अपना जीवन व्यतीत कर रही है तो उसकी मां उत्तर देती है कि कभी कबार दुर्घटनावश किसी रिहायशी इलाके में बम पड़ जाता होगा। लेकिन रूसी सेना की नियत में कोई खोट नहीं है। रूसी समाचार माध्यमों में भी यूक्रेन के रिहायशी इलाकों में स्थिति क्या है इसके बारे में कुछ नहीं बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि रशिया में बीबीसी, ब्लूमबर्ग आदि प्रतिष्ठित समाचार माध्यमों ने रिपोर्टिंग करनी बंद कर दी है। इसका कारण यह है कि रशिया में कथित रूप से कानून पारित किया गया है कि यदि कोई झूठी खबर फैलाता हुआ प्रतीत होगा तो उसे 15 वर्ष तक की कारावास की सजा दी जा सकती है।
वैसे शनिवार को यह खबर आई है कि रूसी प्रशासन ने यूक्रेन में आम नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में परोक्ष रूप से मदद करने के लिए सीजफायर की घोषणा की है।
उम्मीद करते हैं की रूस और यूक्रेन के बीच की जंग जल्दी थम जाए और आम लोगों को इस प्रकार की परेशानी हो रही है उसमें से ब्यावर कर बाहर आए।