रूस ने परमाणु हमले की धमकी क्या दी यूरोप में लोग ये वाली दवाई लेने उमड़ पड़े, कई देशों में स्टॉक खत्म हुआ

रूस ने परमाणु हमले की धमकी क्या दी यूरोप में लोग ये वाली दवाई लेने उमड़ पड़े, कई देशों में स्टॉक खत्म हुआ

रूस-यूक्रेन युद्ध का आज आठवां दिन है। यूक्रेन पर रूस के हमले जारी हैं। रूसी परमाणु निरोध बल राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इशारे पर अलर्ट मोड पर है। दशकों में ऐसा नहीं हुआ है कि किसी देश ने खुले तौर पर परमाणु युद्ध की धमकी दी हो। लेकिन यूक्रेन पर आक्रमण करने वाले व्लादिमीर पुतिन ने ऐसा ही किया है। पुतिन के इरादे साफ है, यूक्रेन में चल रहा युद्ध परमाणु युद्ध में बदल सकता है। पुतिन की धमकी के बीच यूरोप में खौफ और दहशत का माहौल है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पुतिन की धमकी ने यूरोप, खासकर मध्य यूरोप में चिंता की लहर फिर से जगा दी है। पोलैंड से बेलारूस और पूर्व सोवियत संघ के विघटन के बाद बने स्वतंत्र देशों में परमाणु हमले की आशंका के बीच लोग आयोडीन की गोलियां खरीदने के लिए दौड़ पड़े हैं। उनका मानना ​​है कि परमाणु हमले की स्थिति में यह आयोडीन उन्हें विकिरण से बचाएगा। यही कारण है कि गोलियों से लेकर सिरप तक आयोडीन की मांग इतनी बढ़ गई है कि कई यूरोपीय देशों में इसकी कमी हो गई है।
फार्मेसी यूनियन के अध्यक्ष निकोल कोस्तोव के अनुसार, पिछले छह दिनों में बल्गेरियाई फ़ार्मेसी ने पहले से कहीं अधिक आयोडीन बेचा है। कई फ़ार्मेसी पहले से ही आउट ऑफ स्टॉक हो चुका है। बढ़ती मांग के बीच, हमने नए शिपमेंट के ऑर्डर दिए हैं। लेकिन मुझे डर है कि स्टॉक बहुत जल्द खत्म हो जाएगा। लोग इसे जमा कर रहे हैं। चेक गणराज्य में रहते हुए डॉ. मैक्स फार्मेसी के प्रतिनिधि मिरोस्लावा स्टेनकोवा ने कहा कि यह थोड़ा अजीब लग रहा था कि लोग इसे खरीदने के लिए पागल हो रहे है। यही वजह है कि इसकी मांग बढ़ रही है।
आयोडीन गोली या सिरप के रूप में लिया जाता है। विकिरण के खतरों के बीच यह मानव शरीर को थायराइड और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने के लिए एक प्रभावी उपाय माना जाता है। 2011 में, जापानी अधिकारियों ने सिफारिश की कि क्षतिग्रस्त फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र की साइट के पास रहने वाले लोग आयोडीन लें। नतीजतन, कई देश में इसका स्टॉक खत्म हो गया है। सरकारी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मौजूदा हालात में आयोडीन को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि परमाणु युद्ध की स्थिति में यह काम नहीं करेगा। चेक स्टेट ऑफिस फॉर न्यूक्लियर सेफ्टी के प्रमुख डाना द्रबोवा के अनुसार लोग आयोडीन की गोलियों के बारे में पूछ रहे हैं। लेकिन भगवान न करे कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाए क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो आयोडीन भी किसी को नहीं बचा पाएगा।
दरअसल, पिछले हफ्ते खबर आई थी कि चेरनोबिल परमाणु संयंत्र पर रूसी सेना ने कब्जा कर लिया है। इसके बाद बढ़ते विकिरण स्तर के लिए अलर्ट जारी किया गया था। 1986 में एक दुर्घटना ने यूक्रेन के बड़े क्षेत्रों को विकिरण के संपर्क में ला दिया। उस समय के प्रभारी का कहना है कि वहां के लोगों को आपदा से बचाने के लिए आयोडीन दिया गया था। 
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