यूक्रेन जंग : दमन की मानसी शर्मा ने वीडियो के जरिये भारत सरकार से मांगी मदद
सूरत, नवसारी और दक्षिण गुजरात के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 1000 से अधिक छात्र यूक्रेन में असुरक्षित
रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। इस हमले के बाद यूक्रेन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों का भविष्य भी अंधकारमय हो गया है। युद्ध के हालात में यूक्रेन में मार्शल लॉ लगा दिया गया है। युद्ध की स्थिति में अब नागरिक अधिकार और शिक्षा ठप हो गई है। यूक्रेन अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर संकट के बीच में है क्योंकि अब अमेरिकी नेतृत्व में नाटो रूस की आक्रामकता का जवाब देने के मूड में हैं।
फिलहाल प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत के 30,000 से अधिक छात्रों के साथ यूक्रेन के 50 से अधिक विश्वविद्यालयों में हजारों विदेशी छात्र अध्ययन कर रहे हैं। पिछले दिसंबर में, लगभग 150 छात्रों को चिकित्सा अध्ययन के लिए यूक्रेन के एक विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था। एक साल के अध्ययन के लिए शुल्क का भुगतान किया। यूक्रेन संकट के मद्देनजर कई परिवार अपने बच्चों को लेकर चिंतित हैं।
इससे वहां अलग-अलग शहरों की यूनिवर्सिटीज में पढ़ रहे हजारों भारतीय छात्र फंस गए हैं। सभी में डर का माहौल है। एम्बेसी ने कुछ छात्रों को तो रेस्क्यू किया है पर अभी भी बहुत से छात्र वहां फंसे हुए है और अपने हॉस्टल और घरों में छिपे हुए हैं। वहीं एम्बेसी ने भी भारतीय स्टूडेंट को फ्लैट से निकलने से मना कर दिया है। कहा गया है कि 6 दिन तक वे जहां, जैसे हैं, उसी हालत में निकालें। यही नहीं, एम्बेसी ने उन्हें एटीएम तक जाने से भी रोका है, क्योंकि उनके साथ लूट की घटना हो सकती है। आंकड़ों सूरत, नवसारी और दक्षिण गुजरात के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 1000 से अधिक छात्र वहां चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए रहते हैं। और उनकी हालत ऐसी है कि उनके लिए घर लौटना मुश्किल है क्योंकि वे घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं। अध्ययन के लिए यूक्रेन गए नवसारी जिले के पांच एमबीए छात्र जिगर पटेल, आकाश बमानी, पार्थ पटेल, हार्दिक पटेल और रिया पटेल वर्तमान समय में युद्ध क्षेत्र में फंसे हुए है।
इस बीच संघ राज्य दमन की रहने वाली और यूक्रेन में फंसी मानसी शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें उन्होंने भारत सरकार से मदद की मांग की है। मानसी ने कहा कि वह वीएन कराजानिया के खार्किव नेशनल यूनिवर्सिटी की छात्रा है। यूक्रेन में युद्ध शुरू हो चुका है। पूरे शहर में विस्फोट और बमबारी की आवाजें सुनाई दे रही हैं। वहां स्थिति बेहद भयानक है। गुरुवार को उनकी और कुछ ओर स्टूडेंट की फ्लाइट थी, लेकिन पहुंचने से पहले हमें बताया गया कि एयरपोर्ट अब बंद है।
फिलहाल उन्हें कीव में भारतीय दूतावास के पास एक स्कूल में रखा गया है। मानसी ने कहा “अब हमें नहीं पता कि हम क्या करेंगे, हम इस पूरे समय कहां रहेंगे, हम क्या खाएंगे? इसलिए मैं भारतीय दूतावास और भारत सरकार से अनुरोध करती हूं कि कुछ कदम उठाएं और यहां फंसे छात्रों की मदद करें।” यूक्रेन में जंग शुरू होने के बाद यूपी के करीब 3000 छात्र वहां फंस चुके हैं। रूस के बॉर्डर एरिया के शहरों में हालात तनावपूर्ण हो चुके हैं। वहीं पोलैंड से सटे हुए शहरों में भी गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई है। सड़कें और बाजार सेना के कब्जे में जा चुके हैं। सिर्फ 8 घंटे में इन शहरों के हालात बदल गए हैं।
इधर यूक्रेन की स्थिति को देखते हुए भारतीय दूतावास ने दूसरी बार 20 फरवरी को एडवाइजरी जारी की थी। इसमें यूक्रेन में पढ़ रहे छात्रों और भारतीयों से दूतावास से संपर्क साधाने की बात कही गई है। ज़रूरी ना होने पर भारत लौटने की सलाह भी दी गई थी।
अब नई एडवाइजरी भी जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि यूक्रेन ने हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है इसलिए विमानों की विशेष सेवा स्थगित हो गई है लेकिन भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने के लिए वैकल्पिक समाधान निकाले जा रहे हैं।