तो क्या चाँद पर है एलियन्स का घर? चीन के भेजे रोवर ने देखी ‘रहस्यमयी झोपड़ी’
By Loktej
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वॉन कार्मन क्रेटर में काम कर रहा युतु 2 रोवर ने अपनी वर्तमान स्थिति से 80 मीटर दूर इस रहस्यमयी वस्तु को देखा
चीन द्वारा चाँद की सतह पर दो साल पहले लैंड करवाया युतु 2 रोवर ने ना सिर्फ चांद की खुबसूरत फोटोज भेजी है बल्कि चाँद से कुछ दूर एक रहस्यमयी वस्तु को भी पकड़ा है। वॉन कार्मन क्रेटर में काम कर रहा युतु 2 रोवर ने अपनी वर्तमान स्थिति से 80 मीटर दूर इस रहस्यमयी वस्तु को देखा है। चीनी वैज्ञानिकों ने इस क्यूब के आकार वाली वस्तु को ‘रहस्यमयी झोपड़ी’ का नाम दिया है। स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार ये खोज नवंबर में की गई थी।
आपको बता दें कि स्पेस डॉट कॉम ने चीनी भाषा वाले आउटरीच चैनल ‘अवर स्पेस’ द्वारा रेगुलर पब्लिश की जाने वाली रोवर की जानकारी का हवाला देते हुए कहा, ‘अचानक, चांद की उत्तरी क्षितिज पर एक क्यूब दिखाई दिया, जिसने सभी का ध्यान खींचा। ये वस्तु क्षितिज पर दिखाई दी और ये रहस्यमयी झोपड़ी की तरह दिख रही थी। इसके पास ही में एक बड़ा क्रेटर भी है। क्या ये क्रैश लैंडिंग के बाद एलिंयस द्वारा बनाया गया घर था? या ये चंद्रमा का पता लगाने वाले पहले के मिशनों का स्पेसक्राफ्ट है?’ ‘अवर स्पेस’ चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA) से जुड़ा हुआ है। इसने इस रहस्यमयी वस्तु की तस्वीर को साझा भी किया है।
वहीं अगर इस रोवर की बात करें तो ये 8 दिसंबर, 2018 को लॉन्च हुए इस युतु 2 रोवर को चीन के चांग’ई-4 प्रोब के जरिए चंद्रमा के दूर तक ले जाया गया। इसने 3 जनवरी, 2019 को चंद्रमा के सबसे दूर दक्षिणी ध्रुव-ऐटकेन बेसिन में वॉन कर्मन क्रेटर पर पहली बार सॉफ्ट लैंडिंग की थी। रोवर युतु-2 ने अपने तीन महीने के डिजाइन जीवनकाल को पार कर लिया है। इस तरह ये रोवर चंद्रमा पर सबसे लंबे समय तक काम करने वाला रोवर बन चुका है। रोवर छह पहियों से सुसज्जित है, जो काफी शक्तिशाली है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक पहिया विफल होने पर भी रोवर काम करना जारी रख सकता है। यह 20 डिग्री की पहाड़ियों पर चढ़ सकता है और 8 इंच तक की बाधाओं को दूर कर सकता है। रोवर की अधिकतम गति 200 मीटर प्रति घंटा है।
गौरतलब है कि चीनी लोककथाओं में, युतु चांद की देवी चांग’ई का सफेद पालतू खरगोश है। इस वजह से इस मिशन का नाम ये रखा गया। कहावतों में कहा गया है कि चांग’ई ने एक जादू को गोली को खाया। इसके बाद अपने पालतू जानवर को लेकर चांद पर चली गईं। यहां पहुंचने पर वह देवी बन गईं और तब ये वह अपने सफेद खरगोश के साथ रह रही हैं।