अमेरिका : आरोपी को पकड़ने गए गुजराती पुलिस कर्मचारी की गोली लगने से हुई मौत, अंगदान से मिला 11 लोगों को नया जीवन

अमेरिका : आरोपी को पकड़ने गए गुजराती पुलिस कर्मचारी की गोली लगने से हुई मौत, अंगदान से मिला 11 लोगों को नया जीवन

परिवार के लिए ढाई लाख डॉलर के फंड के सामने जमा हुआ 3 लाख डॉलर से भी अधिक का फंड

अमेरिका के ज्योर्जिया में पुलिस कर्मचारी के तौर पर काम करने वाले मूल गुजराती 38 वर्षीय परमहंस देसाई की आरोपी द्वारा गोली मारे जाने के कारण मृत्यु हो गई थी। परमहंस घरेलू हिंसा के एक केस में आरोपी को पकड़ने गए थे, जहां 22 वर्षीय आरोपी जॉर्डन जेकसन द्वारा उन्हें गोली मारी गई थी। गोली मारने के बाद जोर्डन वहाँ से फरार हो गया था, जबकि परमहंस को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। जहां चार दिन तक इलाज होने के बाद 8 नवंबर को उनकी मृत्यु हुई थी। मृत्यु के बाद भी परमहंस ने अपने अंगो का दान कर 11 अन्य लोगों को नया जीवन प्रदान किया था। 
हेर्नी काउंटी पुलिस डिपार्टमेन्टद्वारा दिये गए बयान के अनुसार, परमहंस देसाई ने मृत्यु के बाद अंग दान किया था। जिस्क चलते अन्य कई लोगों का जीवन बच सका है। स्थानीय समय के अनुसार, रविवार सुबह 11 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। परमहंस के परिवार की सहायता के लिए उनकी बहन दिव्या देसाई ने फंड ढाई लाख डॉलर का फंड एकत्रित करने के लिए एक अभियान चलाया था। जिसमें शनिवार शाम तक 4700 से अधिक लोगों ने मिलकर 313900 का फंड एकत्रित किया था। 
परमहंस को गोली मारकर भागने वाले जॉर्डन के खिलाफ भी पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। एक अपार्टमेंट में जब पुलिस ने उसे घेर लिया तो पुलिस को गोली मारने के प्रयास में खुद की बंदूक से छोड़ी हुई गोली लग जाने के कारण उसकी मौत हुई थी। फिलहाल पुलिस ने जॉर्डन को छिपाकर रखने वाले दो लोगों को हिरासत में लिया था। बता दे की परमहंस के पिता दिनेशचंद्र 30 साल पहले गुजरात के बिलिमोरा से अमेरिका में स्थायी हुये थे। परमहंस की शादी अंकिता से हुई थी, जिससे उनको दो पुत्र भी है। परमहंस के बारे में बात करते हुये उनकी बहन कहती है कि आठ साल कि उम्र से ही पुलिस बनने का सपना देख लिया था, जिसके लिए उसने कड़ी मेहनत भी कि थी। 
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