तालिबान विवाद पर बोले अमेरिकी राष्ट्रपति, अफगानी सेना लड़ने को खुद नहीं तैयार तो वह क्यूँ लड़े?

दुनिया भर में हो रही है जो बीडेन के निर्णय की टीका, बीडेन ने कहा - जो आज हुआ वह 15 साल बाद भी होता

अफगानिस्तान में से अमेरिकी सेना के विदाय के निर्णय के साथ ही तालिबानों ने देश पर कब्जा जमा लिया था। तालिबानों के देश पर कब्जा जमा लेने के कारण नागरिकों में भी काफी भय का माहौल बना हुआ है। यही कारण है अमेरिकी सेना के वापिस बुलाने के इस निर्णय को लेकर अमेरिकी प्रमुख जो बीडेन कि काफी टीका हो रही है। ऐसे में जो बीडेन ने सोमवार को देर रात सभी को संबोधन करते हुये अपने निर्णय का बचाव किया था। 
बीडेन ने कहा कि अमेरिकी सेना ऐसा कोई युद्ध नहीं लड़ेगी, जिसमें खुद अफगानिस्तान की सेना लड़ने के लिए तैयार ना हो। 20 साल पहले अमेरिकी सेना एक स्पष्ट उद्देश्य के साथ अफगानिस्तान गई थी। वह यह सुनिश्चित करना चाहते थे की 2001 के हमलावर पकड़े जाये और अल कायदा फिर से अफगानिस्तान को अपने बेज के तौर पर इस्तेमाल ना करे। 
बीडेन ने कहा कि जो घटना सामने आ रही है वह काफी दुखद है। इसके साथ ही यह इस बात का प्रमाण भी है कि अमेरिकी सेना किसी भी स्थिति में स्थिर और सुरक्षित अफगानिस्तान का सर्जन नहीं कर पाएगी। जो अब हो रहा है वह 15 साल बाद भी होता। उन्हें मालूम था कि उनके निर्णय की टीका होगी, पर वह इसे सहन करने के लिए तैयार है। क्योंकि अंत में यह गलत नहीं है। बीडेन ने यह भी कहा कि अमेरिकी सेना ऐसे देशों में भी कार्यवाही करती है, जहां उसका बेज नहीं है। जरूरत पड़ने पर अफगानिस्तान में भी यह कार्यवाही की जाएगी। वह जल्द से जल्द अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों को निकालना चाहते है। जिसके लिए 6000 सैनिको को तैनात किया गया है।