अब मोबाइल से ही होगा कोरोना टेस्ट, जान लें कैसे?
By Loktej
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फोन की स्क्रीन पर से मिलने वाले स्वेब के सैंपल से हो सकेगी कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान
विश्व भर में कोरोना महामारी का कहर चल रहा है। ऐसे में सभी सरकार अधिक से अधिक टेस्टिंग के जरिये जल्द से जल्द सभी संक्रमितों को पहचान कर उनका इलाज करने पर अधिक ध्यान केन्द्रित कर रहे है। फिलहाल कोरोना टेस्टिंग के लिए भारत में रैपिड टेस्टिंग और आरटी-पीसीआर टेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें आरटी-पीसीआर रिपोर्ट विश्व के अधिकतर देशों में मान्य और स्वीकृत है। आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाने के लिए मरीज को अपने नाक में से स्वैब का सैंपल देना पड़ता है।
हालांकि यूनिवर्सिटी कोलेज लंदन के कुछ संशोधकों ने कोरोना टेस्टिंग के लिए एक नई तकनीक ढूंढ निकाली है। जिसे उन्होंने PoST नाम दिया है। जो की फोन स्क्रीन टेस्टीग का एक्रोनेम है। जिसमें नाक में से सीधा स्वैब लेने की जगह स्मार्ट फोन की स्क्रीन से ही कोरोना संक्रमित मरीजों को ढूंढा जाएगा। जिसके लिए फोन स्क्रीन पर से मिले स्वेब से ही टेस्टिंग की जाएगी। लगभग 81 से 100 प्रतिशत कोरोना संक्रमित मरीजों को उनको मोबाइल फोन की स्क्रीन पर से मिले स्वेब के चेकिंग में भी संक्रमित पाया गया था। यह तकनीक उतनी ही कारगर है जितना एंटीजन लेट्रल फलो टेस्ट, ऐसा संशोधकों का कहना है।
यह परीक्षण गरीब देशो के लिए काफी लाभकारी है। क्योंकि इसमें अधिक संसाधनों की जरूरत भी नहीं रहती। फोन स्क्रीन टेस्टिंग का सैंपल लेने के लिए एक मिनट से भी कम समय लगता है। इसके अलावा यह तकनीक मेडिकल टेस्टिंग की जगह पर्यावरण आधारित टेस्टिंग है। यह तकनीक पीसीआर टेस्ट की तुलना में कम सस्ता और कम खतरनाक है।
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