एक नहीं दसियों बार कराया कोरोना टेस्ट, सारी रिपोर्ट आई नेगेटिव पर कोरोना से ही हुई मौत

एक नहीं दसियों बार कराया कोरोना टेस्ट, सारी रिपोर्ट आई नेगेटिव पर कोरोना से ही हुई मौत

ब्रिटेन से सामने आए मामले में न्यूमोनिया से ग्रस्त बताई गई थी महिला

पिछले डेढ़ साल से कोरोना नाम के एक तूफान ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। कोरोनो की दूसरी लहर पहली से भी अधिक खतरनाक हैं। हर बीते दिन के साथ ना सिर्फ संक्रमित मामलों की संख्या बढ़ रही बल्कि मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही हैं। इन दिनों में इस महामारी से जुड़े कई जटिल मामले सामने आए हैं। एक ऐसा ही मामला ब्रिटेन में सामने आया है जहाँ एक 55 वर्षीय महिला ने एक या दो बार नहीं बल्कि 10 बार कोरोना परीक्षण कराया और इन सभी परिक्षण में उसकी रिपोर्ट नेगेटिव ही आई लेकिन इसके बावजूद उस महिला की कोरोना वायरस से मौत हो गई।
आपको बता दें कि 55 वर्षीय डेबरा शॉ हर्निया सर्जरी के लिए रॉयल स्टॉक यूनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती थीं। ऑपरेशन के बाद सबकुछ ठीक रहा लेकिन अचानक उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी और वह कोमा में चली गई और सर्जरी के दो हफ्ते बाद महिला की मौत हो गई। डेबरा को कोरोना मुफ्त वार्ड में रखा गया था और अस्पताल के कर्मचारियों ने उनके परिवार को भी महिला के अंतिम विदाई में शामिल होने की अनुमति दी।
प्रतिकात्मक तस्वीर
हालांकि, जाँच में पाया गया कि डेबरा की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई थी। यह सुनकर इस महिला के परिवार के होश उड़ गए। परिजन चाहते हैं कि यदि वह कोरोना संक्रमित थी तो उन्हें कोरोना वार्ड में क्यों नहीं रखा गया और उन्हें कोरोना का उपचार क्यों नहीं दिया जा रहा था। क्यों है। जबकि महिला के बेटे क्रिस ने कहा, "जब मेरी मां को सांस लेने में तकलीफ होने लगी, तो उन्हें हर दिन कोरोना वायरस टेस्ट करवाया जा रहा था और उनके नतीजे हर दिन नकारात्मक हो रहे थे।" उन्होंने कहा कि मां के फेफड़ों के नमूने भी लिए गए और उनमें कोरोना वायरस के कोई सबूत नहीं मिले। 
ऐसे में महिला के मौत का कारन कोरोना होना बहुत ज्यादा हैरान करता हैं।महिला के मृत्यु प्रमाण पत्र में कहा गया है कि उनकी मृत्यु कोरोना के कारण हुई। परिजनों का कहना है कि उन्हें लगातार बताया गया कि महिला कोरोना संक्रमित नहीं है, बल्कि उन्हें निमोनिया था। बच्चों का कहना हैं “हमें यह भी डर है कि हमें पीपीई किट या सुरक्षा उपकरण पहने बिना अपनी मां से मिलने की अनुमति दी गई। इससे परिवार के बाकी लोगों में कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता हैं और इससे हम भी परेशान हैं।”