मथुरा : जन्माष्टमी के मौके पर बांके बिहारी मंदिर में आयोजित मंगला आरती के दौरान भक्तों में भगदड़, 2 भक्तों की मौत

मथुरा : जन्माष्टमी के मौके पर बांके बिहारी मंदिर में आयोजित मंगला आरती के दौरान भक्तों में भगदड़, 2 भक्तों की मौत

वृंदावन में स्थित बांके बिहारी के प्रसिद्ध मंदिर में देर रात भारी भीड़ जुटी और इस भीड़ में अव्यवस्था फैल गई। पुलिस आदि की मदद से काबू में किया गया

देश भर में शुक्रवार को जन्माष्टमी भक्ति भाव के साथ मनाई गई। विभिन्न स्थानों पर मटकी फोड़ कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। हालांकि, जन्माष्टमी के उत्सव के दौरान, कुछ स्थानीय त्रासदी भी हुई हैं। जन्माष्टमी के मौके पर उत्तर प्रदेश के मथुरा से एक दुखद वाकया सामने आया है। देशभर में श्रद्धालु भगवान कृष्ण की आराधना में लीन थे, श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में आयोजित मंगला आरती के दौरान भक्तों में भगदड़ मच जाने के कारण 2 भक्तों की मौत हो गई। इसके अलावा दम घुटने और भगदड़ से 6 लोग घायल हो गए हैं। हादसे के बाद घायलों को वृंदावन के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। हादसे के बाद मंदिर परिसर में स्थिति बेकाबू हो गई जिसे पुलिस आदि की मदद से काबू में किया गया.
वृंदावन में स्थित बांके बिहारी के प्रसिद्ध मंदिर में देर रात भारी भीड़ जुटी और इस भीड़ में अव्‍यवस्‍था फैल गई। इस दौरान दम घुटने के कारण एक महिला और एक पुरुष की मौत हो गई। कई लोगों की हालत बिगड़ गई, जिन्हें पुलिस ने बड़ी मुश्किल से भीड़ से निकाला। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर दुख जताया है। हादसे के बाद डीएम, एसएसपी समेत वहां मौजूद अधिकारी निजी सुरक्षाकर्मियों के साथ श्रद्धालुओं को मंदिर से बाहर निकालने लगे.
मंदिर से बाहर निकलने के लिए गेट नंबर 4 और गेट नंबर 1 का इस्तेमाल किया जाता है। गेट नंबर 4 पर दम घुटने से एक श्रद्धालु बेहोश हो गया। जब तक पुलिसकर्मी उन्हें निकालने की कोशिश कर रहे थे, तब तक भक्तों की भारी भीड़ इस कदर जमा हो चुकी थी कि अन्य भक्तों का भी दम घुट रहा था। दोपहर करीब दो बजे हुए हादसे के बाद अस्पताल पहुंचे मृतक के परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए शवों को लेकर चले गए। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में हमेशा देश-विदेश के श्रद्धालुओं का जमघट लगा रहता है लेकिन जन्माष्टमी के अवसर पर भीड़ बढ़ जाती है। जन्माष्टमी पर वैसे तो मथुरा के 84 कोस में बसे सभी मंदिरों में भीड़ होती है लेकिन बांके बिहारी मंदिर में दिन का कोई भी समय ऐसा नहीं होता मंदिर श्रद्धालुओं से खचाखच न भरा हो।