राहुल साहू : 104 घंटों के जद्दोजहद के बाद आखिरकार सही सलामत बचाया गया बच्चा, फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में

राहुल साहू : 104 घंटों के जद्दोजहद के बाद आखिरकार सही सलामत बचाया गया बच्चा, फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में

10 जून की शाम 4:00 बजे बोरवेल में गिरा था राहुल, राहुल बाहर निकालने के लिए पिछले दो दिनों से सेना के जवान भी काफी मशक्कत कर रहे थे

जांजगीर जिले के पिहारिद गांव में खुले बोरवेल में फंसे 10 वर्षीय राहुल साहू को युद्ध स्तर के अभियान के बाद बचा लिया गया है। 104 घंटे की जद्दोजहद के बाद आखिरकार ‘ऑपरेशन राहुल’ पूरा हुआ। रेस्क्यू टीम ने आधी रात राहुल को बोरवेल से बाहर निकालने में जिला प्रशासन को बड़ी सफलता मिल ही गई। जांजगीर-चांपा ज़िले के पिहरीद गांव के रहने वाले 10 साल के राहुल साहू शुक्रवार की दोपहर को जब अपने घर से खेलते-खेलते कहीं चले गए तो उनकी तलाश शुरू हुई। राहुल साहू 10 जून की शाम 4:00 बजे बोरवेल में गिरा था। घर के पास ही खेत में खोदे गए 80 फ़ीट गहरे बोरवेल से किसी बच्चे के रोने की आवाज़ आई तो घर वालों को समझते देर नहीं लगी कि यह राहुल ही है।
राहुल के सुरक्षित निकलने के बाद सरकार और प्रशासन ने राहत की सांस ली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 10 जून से लगातार मामले की अपडेट ले रहे हैं। राहुल बाहर निकालने के लिए पिछले दो दिनों से सेना के जवान भी काफी मशक्कत कर रहे थे। राहुल को बचा लेने के बाद उसे जांजगीर, मसूरी होते हुए मलखरोदा से बिलासपुर लाया गया। वहां उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एम्बुलेंस में राहुल के माता-पिता उसके साथ थे। गांव के अधिकांश लोग इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं। लेकिन हर व्यक्ति यह ज़रूर कहता है कि 10 साल के राहुल साहू ने अपने हौसले से मौत को मात दी है। रात करीब तीन बजे सीएमओ छत्तीसगढ़ द्वारा एक ट्वीट कर बताया गया कि ”राहुल कुशल हाथों में पहुंच गया है। कुछ देर पहले एम्बुलेंस उसे लेकर बिलासपुर जिले के अपोलो अस्पताल पहुंच चुकी है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम की निगरानी में उसे फिलहाल आई सी यू में रखा गया है।”
बोरवेल में फंसे बच्चों के मामले में यह देश में अब तक का सबसे लंबा चलने वाला ऑपरेशन है। इससे पहले जुलाई 2006 में हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 50 घंटे की मशक्कत के बाद प्रिंस को रेस्क्यू किया गया था। राहुल 60 फीट की गहराई में फंसा हुआ था और उसे ऑक्सीजन देने की व्यवस्था की गई थी। राहुल कुछ बोल या सुन नहीं सकता। जीवन और मृत्यु के बीच राहुल के संघर्ष को चमत्कार माना जाता है। उन्हें रात 11:45 बजे बचाया गया। पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जांजगीर कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल एसडीएम रैना जमील मौजूद रहे और निगरानी की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि चुनौती बड़ी थी लेकिन हमारी टीम भी चुप थी। रास्ते पथरीले होते तो हमारी नीयत भी पक्की होती। सभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक और समर्पित प्रयासों की बदौलत राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। जल्दी ठीक होना हमारा काम है।
Tags: