दंड देकर छूट जाना अभियुक्त का अधिकार नहीं होगा, अगर अभियुक्त पुलिस के साथ सहयोग नहीं कर रहा है तो कार्यपालक दंडाधिकारी अर्थदंड न लगाकर 30 दिन का कारावास भी दे सकता है। दूसरी बार पकड़े जाने पर अर्थदंड नहीं लेकर अनिवार्य रूप से एक वर्ष की अवधि के लिए कारावास दिया जाएगा: संजय कुमार
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 4, 2022
अब भी पियोगे क्या?; पहली बार शराब पीते पकड़े गए तो 30 दिनों का और दोबारा पकड़े गए तो साल भर का कारावास हो सकता है!
By Loktej
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बिहार और गुजरात देश के वो दो राज्य है जहां शरद पूरी तरह से प्रतिबंधित है। हालांकि इसके बाद भी इन राज्यों से अवैध शराब की तस्करी, शराब बिक्री जैसी घटनाओं की खबर सामने आती रहती है। ऐसे में बिहार सरकार ने शराब माफियों पर नकेल कसने और शराबबंदीवको पूरी तरह सफल बनाने के लिए बड़ा कदम उठा लिया है। सरकार शराब का सेवन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने जा रही है। इसके तहत पहली बार शराब पीने वालों पर 2,000 रूपये से 5,000 रूपये तक का जुर्माना और दूसरी बार शराब पीने वालों को एक साल का कारावास देने का फैसला किया गया है। इस निर्णय की जानकारी बिहार कैबिनेट अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार ने दी।
इस बारे में बताते हुए संजय कुमार ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति पहली बार शराब पीते हुए पकड़ा जाता है तो न्यूनतम 2,000 रुपये से अधिकतम 5,000 रुपये का अर्थदंड लगाया जाएगा। अगर वो व्यक्ति जुर्माना नहीं दे पाएगा तो उसे 30 दिनों का कारावास दिया जाएगा।” उन्होंने आगे बताया कि उच्च न्यायलय से यह शक्ति प्रदान करने की अनुमति मिलने के बाद कार्यपालक दंडाधिकारी के द्वारा इसका कार्यान्वयन किया जा सकेगा।
पहली बार शराब के नशे में या शराब पीते हुए पकड़े गये तो कम से कम 2000 तथा अधिकतम 5000 रुपये का जुर्माना लगेगा। ऐसे में अगर आरोपी व्यक्ति ये दंड नहीं भर पाता है तो उनको 30 दिनों का कारावास होगा। दूसरी बार अगर पकड़े जाते हैं तो एक साल के कारावास की सजा होगी। इसको लेकर बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) नियमावली, 2022 की कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी।
बता दें कि सोमवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 14 प्रस्तावों पर स्वीकृति दी गई। बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय से विभाग ने अनुरोध किया है कि द्वितीय श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी का अधिकार कार्यपालक दंडाधिकारी को दिये जायें।
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