कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते महाराष्ट्र और बंगाल सरकार ने लोगों को बड़ी राहत दी है। मास्क पहनने को ऐच्छिक बनाने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है। महाराष्ट्र में कोरोना से जुड़े सभी प्रकार के कानून या प्रतिबंध हटाने का फरमान जारी कर दिया गया है। गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा की। यह निर्णय महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट की बैठक में दिए।
महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश में मास्क के उपयोग को एच्छिक कर दिया है। यानी कि नागरिकों के लिए अब मास्क पहनना अनिवार्य नहीं होगा। यद्यपि लोग व्यक्तिगत रूप से चाहे तो मास्क पहन सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो मास्क पहनाने पर अब प्रशासन चालान नहीं काटेगा।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि प्रदेश में मास्क अब वैकल्पिक रहेगा। किसी पर मास्क बनने का दबाव नहीं होगा। लेकिन हम चाहते हैं कि लोग अभी भी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें जिससे उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा होती रहे।
महाराष्ट्र के एएसए मंत्री जितेंद्र अवहाडे ने ट्वीट करके कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय के बताए अनुसार यह नियम 2 अप्रैल से लागू होगा जिसके तहत कोरोना संबंधी सभी कानून लगभग खत्म हो जाएंगे। महाराष्ट्र सरकार ने महामारी एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट को खत्म करने का निर्णय किया है। प्रदेश में यह दोनों कानून लगभग 2 वर्षों से लागू है।
#COVID19 | Restrictions currently in force are hereby withdrawn. Advisory in respect of health & hygiene protocols including wearing of mask at all times, hand hygiene & sanitisation of public places shall continue to be strictly observed until further orders: Govt of West Bengal pic.twitter.com/GNvZ4USi7p
उधर पश्चिम बंगाल सरकार ने भी राज्य में कोरोना के कारण आवाजाही पर लगाए गए प्रतिबंधों को वापस ले लिया है। यद्यपि सार्वजनिक स्थानों पर स्वास्थ्य और स्वच्छता से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी गई है। ममता सरकार के आदेश अनुसार रात 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक वाहनों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। बंगाल सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में भीड़ और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने की सलाह दी गई है। साथ ही कार्यालय और अन्य संस्थाओं को भी कोरोना संबंधी सभी प्रोटोकोल का पालन करने की सलाह दी गई है।