ऐसा ‘पत्नीव्रता’ पति नहीं देखा होगा; बीमार पत्नी की जान बचाने MBBS की डिग्री गिरवी रख दी थी!

ऐसा ‘पत्नीव्रता’ पति नहीं देखा होगा; बीमार पत्नी की जान बचाने MBBS की डिग्री गिरवी रख दी थी!

कोरोना काल में जहां फ्रंटलाइन वर्कर्स ने अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों की जान बचाई थी। मरीजों का इलाज करने के लिए डॉक्टरों ने दिन रात एक कर दिये थे और असंख्य मरीजों की जान बचाई थी। ऐसे ही एक डॉक्टर को खुद अपनी पत्नी की जान बचाने के लिए अब हर संभव प्रयास करने पड़ रहे है। 
दरअसल राजस्थान के पालि जिले के एक डॉक्टर सुरेश की पत्नी कोरोना संक्रमित हो गई थी। पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर पति ने उसे जोधपुर एम्स में भर्ती किया। हालांकि इसके बावजूद उसकी पत्नी की तबीयत लगातार बिगड़ ही रही थी। पत्नी के फेफडें 95 प्रतिशत तक संक्रमित हो गए थे। डॉक्टरों ने भी उसे जवाब दे दिया था कि अब वह बच नहीं पाएगी। जिसके चलते पति अपनी पत्नी को अहमदाबाद लेकर आया था। 
अहमदाबाद में पत्नी को ईसीएमओ मशीन पर रखा गया। अस्पताल का खर्च हर दिन के एक लाख का था। पर डॉक्टर ने किसी भी कीमत पर अपनी पत्नी को बचाने कि कसम खा ली थी। पर सुरेश के पास मात्र दस लाख रुपये थे, जिसके चलते उसने अपने मित्रों से 20 लाख रुपये उधार लिए। पर इन सबके बावजूद पत्नी के इलाज के खर्च तक पहुंचाना काफी मुश्किल था। जिसके चलते अंत में डॉक्टर पति ने अपनी एमबीबीएस कि डिग्री एक स्थानीय बैंक को गिरवी रखकर 70 लाख रुपये की लोन ली थी। कोरोनाग्रस्त पत्नी 87 दिनों तक मशीन पर रही और सबके आश्चर्य के बीच वह मौत के मुंहे में से बाहर आ गई। हालांकि इसके लिए पति को अपनी डिग्री गिरवाई रखकर सवा करोड़ रुपये का खर्च करना पड़ा था। पति के इस प्यार का किस्सा सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है और हर कोई पति की तारीफ कर रहा है।
बैंक से ली गई लोन के लिए सुरेश को अब हर महीने 1.16 लाख की किस्त भरनी है, जबकि उसकी महीने की कमाई 90 हजार है। यह लोन अगले चार सालों तक उसे भरनी है। अपनी इस नई जिंदगी के बारे में पत्नी अनीता कहती है उसकी यह नई जिंदगी उसके पति को ही आभारी है। यदि वह नहीं होते तो वह कभी भी जीवित नहीं होती। 
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