50 रूपये की रिश्वत के आरोप में रिटायर्ड कर दिये गये थे, 24 साल की कानूनी जंग के बाद निर्दोष बरी हुए!
By Loktej
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मामले की गंभीरता और प्रकृति को देखते हुये कर्मचारी को मिली सजा काफी अधिक बताते हुये कोर्ट ने रद्द की सजा
सरकारी कर्मचारियों द्वारा काम करने के लिए रिश्वत लेना मानो आम सा हो गया है। अपना छोटा-मोटा काम करवाने के लिए अक्सर लोग सरकारी कर्मचारियों को कुछ न कुछ रिश्वत देकर अपना काम निकाल लेते है। कर्मचारी भी दो पैसे अधिक आते देखकर मना नहीं कर पाते। इसी बात का फायदा उठाकर एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा उनके खिलाफ विभिन्न जाल भी बिछाये जाते है, जहां नकली ग्राहकों को भेजकर उन्हें रंगे हाथों पकड़ा जाता है। कर्नाटक में ऐसे ही एक मामले में एक सरकारी कर्मचारी 50 रुपये की रिश्वत लेते हुये पकड़ा गया था, जिसके चलते उन्हें अनिवार्य तौर पर रिटायर कर दिया गया था।
विस्तृत जानकारी के अनुसार, कर्नाटक के एक सरकारी कर्मचारी एम एस कड़कोल 50 रुपये की रिश्वत लेते हुये पकड़े गए थे। जिसके चलते साल 2004 में उन्हें अनिवार्य तौर पर रिटायर कर दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी। जहां 24 साल बाद उन्हें न्याय मिला था। हाईकोर्ट के जजों ने अपना निर्णय सुनाते हुये कहाँ कि अपराध की प्रवृति और उसकी गंभीरता को देखते हुये जो सजा दी गई वह वाकई काफी अधिक थी। ऐसे में 24 सालों के बाद उन्हें मिला वह आदेश रद्द किया गया है।
उल्लेखनीय है कि सरकारी ऑफिसों में रिश्वत के बिना तो मानों कुछ चलता ही नहीं है। हालांकि अंत में जो पकड़ा जाता है उसी को चोर बना दिया जाता है। इन सबमें ऐसे कई लोग होते है जो पकड़े नहीं जाते। हालांकि इसके बाद भी कई कर्मचारी तो ऐसे होते ही है जो पूरी ईमानदारी से अपना काम करते है।
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