मध्यप्रदेश : शादियों में दहेज के नाम पर दिए दान के नाम पर किए गए घोटाले का हुआ पर्दाफाश

कोरोना काल के दौरान फर्जी लाभार्थियों को दिया था पैसा

मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में सिरोंज जनपद पंचायत के सीईओ के खिलाफ करोड़ों के घोटाले का मामला सामने आया था। घटना के बारे में ईओडब्ल्यू द्वारा शिकायत दर्ज करवाई थी। लॉकडाउन के चलते जब शादी बंद हुई तो उन्होंने 3500 लड़कियों की वर-वधू में 18 करोड़ रुपए बांटे थे। विदिशा के एसडीएम शोभित त्रिपाठी ने सिरोंज जनपद पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में विवाह सहायता योजना के तहत करोड़ों के घोटाले को अंजाम दिया।
त्रिपाठी ने इस महत्वपूर्ण योजना का पैसा उन लोगों में बांटा जो इसके लायक नहीं थे। कई फर्जी लाभार्थियों को योजना का पैसा भी दिया गया। ईओडब्ल्यू ने त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार, गबन, धोखाधड़ी जैसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। सूत्रों के अनुसार, विदिशा के कलेक्टर ने उच्च स्तरीय जांच की, जिसमें सभी आरोप सही साबित हुए। इस मामले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी नाराजगी जताई है।
मामले की गूंज विधानसभा में भी उठी थी। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा खुद इस मामले को विधानसभा में लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि सीईओ त्रिपाठी ने विवाह सहायता योजना के तहत कोरोना काल में फर्जी लाभार्थियों को करोड़ों रुपये बांटे थे।
अधिकारियों द्वारा की गई जांच में पता चला कि जब लॉकडाउन था और सार्वजनिक विवाह की अनुमति नहीं थी। उस समय सीईओ शोभित त्रिपाठी ने 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के बीच लगभग 3500 लाभार्थियों को विवाह सहायता के नाम पर 18 करोड़ 52 लाख 32 हजार रुपये वितरित किए।
सरकार की योजना निर्माण श्रमिकों और उनके परिवारों को शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। लेकिन इसके लिए उन श्रमिकों का भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण आवश्यक है। जिसमें कुल 51 हजार रुपये दिए जाते हैं। योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थीं।