इस गाँव में करोड़पति धन्नाशेठ भी रहते है मिट्टी के कच्चे मकानों में, जानें क्या है कारण

इस गाँव में करोड़पति धन्नाशेठ भी रहते है मिट्टी के कच्चे मकानों में, जानें क्या है कारण

भगवान देवनारायण की सूचना का गाँव वाले आज भी कर रहे पालन, घरों में सभी आधुनिक सुविधाएं है मौजूद

व्यक्ति के पास पैसे हो तो वह सबसे पहले अपने लिए एक अच्छा घर बनाने की इच्छा रखता है। हालांकि सभी चीजों की सुविधा हो और उसके बाद भी व्यक्ति कच्चे मकान में रहे, यह बात हजम नहीं होती। हालांकि आज हम आपको एक ऐसे गाँव के बारे में बताने जा रहे है, जिसमें मात्र एक या दो नहीं पर पूरा गाँव कच्चे मकान में रहता है। चाहे उनके पास कितने ही पैसे क्यों ना हो। हम बात कर रहे है राजस्थान के अजमेर जिले में आए देवमाली गाँव की, जहां कई करोड़पति है। हालांकि इसके बाद भी आज तक किसी भी घर में ताला नहीं लगाया गया है। 
पिछले पचास सालों में गाँव में कोई चोरी नहीं है और ना ही पुलिस स्टेशन में किसी तरह की कोई शिकायत की गई है। गाँव की पूरी जमीन भगवान देवनारायण के नाम पर है। गाँव के सभी लोग शाकाहारी है और किसी भी तरह के नशे के भी आदि नहीं है। उनका मानना है की गाँव में यदि पक्की छत बनाई गई तो गाँव में आफत आ सकती है। इसके चलते गाँव के करोड़ पति भी कच्चे मकानों में ही रहते है। 
मान्यता है की जब भगवान देवनारायण गाँव में आए तो वह गाँववालों की सेवा से काफी खुशी थे। जब उन्होंने गाँव वालों को वरदान मांगने कहा तो गाँव वालों ने कुछ भी नहीं मांगा। उसी दौरान भगवान ने उन्हें कहा था कि यदि गाँववालों को शांति से रहना है तो पक्की छत ना बनाई जाए। गाँववाले आज भी उस सूचना का पालन कर रहे है। कई दशक बीत गए पर गाँव में एक भी पक्की छत वाला घर नहीं है। पिछले 25 सालों से गाँव के सरपंच रह चुके भागी देवी गुर्जर कहते है पूरे गाँव में भगवान के प्रति पौराणिक मान्यता और आस्था के करण वह मिट्टी और पत्थर से बने कच्चे घर के मकानों में ही रहते है। 
सरपंच का कहना है कि यदि उन्होंने घर में पक्की छत बनाई तो गाँव में आफ़त आ सकती है। घरों में टीवी, फ्रिज, कूलर और महंगी कारों के बाद भी हर कोई कच्चे घर के मकानों में रहता है। ग्रामीणों के अनुसार, कई लोगों ने एक पक्का छत लगाने की कोशिश की पर वह मुसीबतों का शिकार बने। उसके बाद से ग्रामीणों ने किसी अप्रिय घटना के डर से पक्की छतें नहीं बनाई।
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