राजस्थान का यह हनुमान मंदिर है बड़ा अनोखा, भक्तों को नहीं है प्रसाद घर ले जाने की अनुमति

मंदिर आने के एक दिन पहले ही छोड़ देना होता है प्याज, लहसुन, मदिरा आदि का सेवन

हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी देवताओं की बात की जाती है। पर कहा जाता है की कलियुग में एक मात्र हनुमानजी को ही साक्षात स्वरूप में देखना संभव है। यदि कोई भी भक्त अपनी भक्ति से बजरंगबली को प्रसन्न कर लेता है तो वह उसे अवश्य दर्शन देते है। देश भर में हनुमानजी के कई सारे मंदिर है, जिनमें से कई सारे मंदिरों की कई चमत्कार की कथाएं प्रचलित है। संकटमोचक हनुमान के ऐसे ही एक चमत्कारी और अनोखे मंदिर के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है। 
राजस्थान के दौसा में आया यह मंदिर मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। राजस्थान के दौसा में दो चोटियों के बीच आए इस मंदिर में पूरे साल भक्तों का ताता लगा रहता है। इस मंदिर में महाबली हनुमान अपने बाल स्वरूप में बैठे है। इसके अलावा भगवान राम और सीता माता की प्रतिमा भी यहां स्थापित है। इस मंदिर में आने वाले लोगों के लिए एक खास नियम यह है कि यहां आने वाले भक्तों को कम से कम एक दिन पहले से ही नॉनवेज, प्याज, लहसुन और मदिरा विगेरा का सेवन बंद कर देना होता है। 
इस मंदिर का दूसरा नियम यह है कि ना ही इस मंदिर के प्रसाद को खाया जा सकता है और ना ही इस घर पर ले जाया जा सकता है। ऐसे में उन्हें मंदिर में ही वापिस प्रसाद चढ़ना पढ़ता है। लोगों की माने तो मंदिर में कोई खाने पीने की चीज तथा किसी तरह की सुगंधित चीज लाना वर्जित है। यदि कोई भी ऐसा करता है तो उसके ऊपर बड़ी विपदा आ सकती है।
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