पक्की सड़क ना होने के कारण सगर्भा युवती को एक किलोमीटर तक कंधे पर ले जाना पड़ा

पक्की सड़क ना होने के कारण सगर्भा युवती को एक किलोमीटर तक कंधे पर ले जाना पड़ा

गाँव तक पक्की सड़क ना जाने के कारण एम्ब्युलेंस और अन्य गाडियाँ भी गाँव तक नहीं जा सकती थी

तंत्र की लापरवाही के कारण आम लोगों की मौत होना तो मानो एकदम सामान्य हो चुका है। ऐसी कई घटना सामने आई है जिसमें सरकार या तंत्र की लापरवाही के कारण सामान्य नागरिकों की जान कई बार खतरे में पड़ी है। ऐसा ही एक और मामला कुछ समय पहले सामने आई थी, जिसमें समयसर इलाज ना मिलने पर एक युवती और उसके शिशु की जान चली गई थी। यह घटना लोगों में यह घटना चर्चा का विषय बना था। हालांकि इस घटना में सद्भाग्य से महिला और उसके बच्चे दोनों की जान बच गई है।
विस्तृत जानकारी के अनुसार, चायबासा और प्रक्षेप के जोजोबेरा गाँव में शनिवार को यह घटना सामने आई थी। गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए गाँव की कुछ महिलाओं ने खुद उसे कंधे पर एक किलोमीटर तक ले गई। इसके बाद उन्होंने उसे एम्ब्युलेंस तक पहुंचाया और महिला अस्पताल पहुंची। महिला को एक किलोमीटर तक लेकर जाना पड़ा क्योंकि एम्ब्युलेंस गाँव तक नहीं पहुँच थी। शनिवार को भी दोपहर के समय दिनेश की पत्नी मालती को प्रसूति दर्द हुआ था। 
आए दिन सरकारी एम्ब्युलेंस के गाँव में ना जा सकने के कारण कई लोगों को तकलीफ़ों का सामना करना पड़ता है। मालती के प्रसूति के समय एम्ब्युलेंस को बुलाया था। पर वह गाँव के अंदर नहीं आ पाई थी, इसके बाद उन्होंने एक निजी गाड़ी भी बुलाई थी। पर वो गाड़ी भी कीचड़ में फंस गई थी। इसके बाद कुछ महिलाओं ने मिलकर उसे एम्ब्युलेंस तक पहुंचाया था। 
मालती की किस्मत काफी अच्छी थी कि इतनी तकलीफ़ों के बाद भी एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके गाँव तक आने वाली सड़क काफी जर्जरित है। इस मामले में स्थानीय विधायक को भी जानकारी दी गई है, पर आश्वासन के अलावा उन्हें और कुछ भी नहीं मिला।