महाराष्ट्र के 'रेंचो' की अपने ही गैरेज में हुई मौत, हर घर में देना चाहता था हेलिकॉप्टर

महाराष्ट्र के 'रेंचो' की अपने ही गैरेज में हुई मौत, हर घर में देना चाहता था हेलिकॉप्टर

सुबह वैल्डिंग काम करने वाला मुन्ना रात को बनाता था अपने सपनों का हेलिकॉप्टर, बैंगलोर से आने वाली टीम के लिए एक दिन पहले करने गया था परीक्षण

आप सभी ने आमिर खान की मशहूर फिल्म थ्री इडियट्स तो देखी ही होगी। इसमें आमिर खान का किरदार जिसका नाम रेंचो था अपने मशीनों के प्रति प्यार के कारण ही सभी के बीच मशहूर था। महाराष्ट्र के यवतमाल में रहने वाला शेख इस्माइल उर्फ मुन्ना भी कुछ इसी तरह का था। मुन्ना भी रेंचो की ही तरह मशीनों से काफी प्यार करता था। 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद मुन्ना ने एक हेलिकॉप्टर बनाया था, जिसका नाम भी उसने मुन्ना हेलिकॉप्टर ही रखा था। मुन्ना चाहता था कि हर घर के पार्किंग में कार की जगह एक हेलिकॉप्टर हो। 
हेलिकॉप्टर बनाने वाले मुन्ना को अपने इस निर्माण पर पूरा भरोसा था। वह सभी गाँववालों के सामने इसको उड़ाने वाला था। पेशे से मैकेनिक मुन्ना सुबह गैरेज में वैल्डिंग का काम करता और रात को अपना हेलिकॉप्टर बनाने लग जाता। मुन्ना मात्र 24 साल का ही था और उसने मात्र 8वीं तक ही पढ़ाई की थी। हालांकि अभी मुन्ना ने अपनी स्किल का पूरा प्रदर्शन दुनिया को दिखाया ही नहीं था और उसके पहले ही उसकी मौत हो गई। अपने हेलिकॉप्टर के ट्रायल के दौरान हेलिकॉप्टर का एक पंखा टूट गया और उसके सर में लगा, जिसके कारण उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। 
परिवार के सदस्यों ने कहा कि मुन्ना खिड़की में फिट करने वाला कूलर भी खुद ही बनाता था। मुन्ना का सपना पायलट बनने का था, पर घर कि कमजोर आर्थिक परिस्थिति के कारण वह अपना सपना पूरा नहीं कर पाया। इसके चलते उसने खुद ही अपना हेलिकॉप्टर बनाने का निर्णय किया और उसके लिए मेहनत करने लगा। मुन्ना के चाचा सिराजुद्दीन ने कहा कि पढ़े-लिखे न होने के बावजूद मुन्ना की सोच ऊंची थी, उनके हाथ में हुनर ​​था। पूरे गांव के लोग उसे रैंचो कहकर बुलाते थे। उसके द्वारा बनाए गए हेलीकॉप्टर को देखने के लिए एक टीम को बेंगलुरु से भी आना था, इसलिए मुन्ना ने एक दिन पहले तकरीबन रात के 2:30 बजे ट्रायल की कोशिश की।