भारतीय बाघ पहुंचा बांग्लादेश, जानें रोचक जानकारी

रेडियो कोलर लगाकर छोड़े गए बाघ ने पार की बड़ी बड़ी नदिया और झीलें

बंगाल के सुंदर बन को बाढ़ों के कुदरती आवासस्थान के तौर पर जाना जाता है। ऐसे में यहाँ का एक बाढ़ सुंदरबन छोडकर 100 किलोमीटर दूर बांग्लादेश पहुँच गए होने की जानकारी सामने आई है। पश्चिम बंगाल के वनविभाग ने सुंदरवन के एक बाघ को रेडियोकोलर किया था। वनविभाग का हेतु इसके जरिये बाघ का मानव बस्ती में जाने से रोकना था। पर इस बीच देखने मिला की बाढ़ चार महीने के बाद लगभग 100 किलोमीटर का अंतर काटकर बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश कर गया है। बांग्लादेश के मेंग्रोव इलाके में दिखे बाघ के कारण वन अधिकारी भी चिंतित हो गए थे। अपनी इस यात्रा के दौरान बाघ ने कई नदियों और झरनों को भी पार किए थे। जिसमें कई नदियां तो एक किलोमीटर से भी अधिक चौड़ी थी। 
वनविभाग के अनुसार, नर बाघ को दिसंबर महीने में रेडियोकोलर किया गया था। तब से वह बांग्लादेश के इलाकों में दिख रहा है। बाघ को इसके बाद हरिनभंगा जंगलों से पकड़ा गया। जहां से उसे सेटेलाइट कोलर के साथ छोड़ दिया। कुछ ही दिनों के बाद बाघ की लोकेशन सुंदरवन के तलपट्टी द्वीप में प्रवेश किया। जिसके बाद बाघ ने छोटो हरिखली, बोरो हरिखली और राय मंगल जैसी नदियों को पार किया। 11 मई तक बाघ के कॉलर में से सिग्नल आ रहा था। तब तक वह बांग्लादेश के सुंदरवन के तलपट्टी इलाके में अधिक रहा। हालांकि इस दौरान वह मनुष्य इलाकों में नहीं गया था। 
हालांकि अधिकारियों का कहना है की 11 मई के बाद कॉलर ने सिग्नल देना बंद कर दिया इसका यह मतलब नहीं कह सकते की वह मर गया है। गेजेट में एक सेंसर भी लगाया गया है, जिससे की बाघ की मृत्यु होने पर पता चल सके। ऐसा भी हो सकता है की बाघ के गले में से निकल कर कॉलर कही गिर गया हो या नदी पार करते समय पानी में गिर गया हो।