मात्र चार महीनों में ही हुई 250 करोड़ की ठगी, पुलिस को भी नहीं मिली जानकारी
आज के समय में हर किसी को जल्दी से पैसा कमाना है। खास कर के महामारी के बाद तो अधिक से अधिक लोग यही चाह रहे होंगे की वह जल्द से जल्द पैसे कमा सके। ऐसे में यदि कोई आपको लालच दे की कुछ ही दिनों में वह आपके पैसे डबल कर देगा। तो कोई भी इस कठिन समय में विश्वास कर के उसे अपने पैसे डबल करने के लिए दे देंगा। हालांकि कहते है ना अधिक लालच करना बुरा होता है। कुछ ऐसे ही एक मामले में भारत भर में से 250 करोड़ की ठगी हुई होने का मामला सामने आया है। मामला इतना गंभीर है की खुद आईबी और रॉ तक भी यह मामला पहुंक चुका है।
विस्तृत जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड की पुलिस ने 250 करोड़ की ठगी के मामले में यूपी के नोएडा से एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। इस ठगी की घटना को मात्र चार महीने के अंतराल में अंजाम देने का खुलासा हुआ है। चीन की स्टार्टअप योजना के तहत बने 'पावर बैंक एप' के जरिये लोगों को 15 दिन में पैसा डबल हो जाने की लालच दी जाती थी। जिसके चलते लोग उसमें अपना पैसा निवेश करते थे। प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credit : Pixabay.com)
इसके लिए पहले तो लोगों द्वारा फोन कर उन्हें फोन में पावर बैंक एप डाउनलोड करने कहा जाता था। जिसके बाद 15 दिन में उनका पैसा डबल होने की लालच दी जाती। सबसे अधिक हैरानी की बात यह है कि पिछले साल महीने से यह स्कैम चल रहा था। पर पुलिस को इस बारे में कुछ पता नहीं चला। अंत में जब उत्तराखंड के रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस में इस बारे में शिकायत दर्ज करवाई तो पुलिस को इस बारे में जानकारी हुई। शिकायतकर्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करते हुये बाते कि उसने 'पावर बैंक एप' में 15 दिन में पैसे डबल हो जाने कि स्कीम में दो बारे में 93 हजार और 72 हजार जमा किए थे। पर उसके पैसे डबल नहीं हुये और उसका पैसा भी उसे नहीं मिल रहे। जिसके चलते उसने ठगी की शिकायत की थी।
जैसे ही पुलिस को जानकारी मिली तो उन्होंने इस बारे में जानकारी प्राप्त करना शुरू किया। जहां उन्हें पता चला की पैसे अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर किए गए है। जब इस बारे में पुलिस ने पूरी जांच की तो उनके सामने 250 करोड़ रुपए के स्कैम का सच सामने आया। उत्तराखंड के एसटीएफ़ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि भारत के कुछ कारोबारियों को कमीशन जा लालच देकर विदेशी निवेशकों द्वारा उनसे एप के जरिये लोगों को लोन देने कि बात करवाई जाती थी। हालांकि इसके बाद उन्होंने 15 दिन में पैसे डबल करने का लालच देकर उन्होंने अधिक लोगों से निवेश करवाया। लोगों का भरोसा कायम करने के लिए कंपनी ने कुछ लोगों को पैसा वापिस भी किया।
अजय सिंह ने बताया कि यह सारी रकम क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से विदेश भेजी जा रही थी। छानबीन के दौरान उन्होंने एक आरोपी पवन पांडे को हिरासत में ले लिया है। जिसके पास 500 से अधिक सिम कार्ड, 19 लैपटॉप, 5 मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और एक पासपोर्ट बरामद हुआ है। मामले के बारे में बात करते हुये देहरादून के एडीजी अभिनव कुमार ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी अन्य जांच एजंसियों से भी साझा की गई है। मामले में सामने आने वाले नागरिकों से संबंधित दूतावासों से भी जानकारी मांगी जा रही है।