अंधविश्वास : कोरोना से बचने पूरा गाँव खाली कर दिया पर नहीं करवाया किसी ने टेस्ट
By Loktej
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दो सप्ताह में हुई 29 लोगों की मौत पर गाँववालों का किसी का भी कोरोना संक्रमित होने से इंकार
कोरोना वायरस की दूसरी लहर शहर के साथ-साथ गाँव में भी फ़ेल रही है। ग्राम्य इलाकों में भी कोरोना के केस बढ्ने लग गए है। पहले सुरक्षित माने जाने वालें गांवों में से भी अब काफी संख्या में पॉज़िटिव मरीज सामने आ रहे है। हालांकि गाँव में बिगड़ती हुई परिस्थिति में भी लोग अस्पताल जाने की जगह अंधविश्वास का सहारा ले रहे है। कुछ ऐसी ही घटना मध्यप्रदेश से सामने आई है, जहां आगर-मालवा नाम के दो गांवों में 29 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। पर इसके बावजूद वह मेडिकल ट्रीटमेंट की जगह अंधविश्वास का सहारा ले रहे है।
तंत्र द्वारा जब वायरस की गाँव में स्थिति जानने के लिए सर्वे किया गया तब पता चला की गाँव के लोग टेस्ट करवाने की जगह अंधविश्वास का सहारा ले रहे है। जिला मुख्यालय से बाहर के इलाके में आइये बैजनाथ निपानीय गाँव में पिछले दो हफ्तों में 20 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। गाँव के लोगों का कहना है की इसके पीछे कोरोना कोई कारण नहीं है। उनकी मौत अन्य संभवित कारणों से हुई है। गाँव वालों का कहना है सोमवार को इस बारे में एक विशेष अनुष्ठान किया गया था। जिसमें गाँव वालों को एक अदृश्य दरवाजे में से पार होना था। जिसके बाद मंदिर में एक विशेष पुजा की गई थी। इस पुजा का पानी गाँव के सभी लोगों को पीला दिया गया था। जिससे की वह सभी कोरोना से दूर रहे।
गाँव में रहने वाले नारायणसिंह नाम के व्यक्ति का कहना है की यह एक विशेष अनुष्ठान है। जहां पूरी दुनिया महामारी के कहर से परेशान है। तब हमें यह अनुष्ठान बचाए रखेगा। वहीं अन्य एक बृजेन्द्रसिंह राठौर नाम के व्यक्ति का कहना है कि गाँव में जो भी लोग पिछले दो हफ्तों में मरे है। उसमें से किसी को भी कोरोना नहीं था। इसके अलावा आवर गाँव में रहने वाले 4000 से भी अधिक लोगों ने तो गाँव भी खाली कर दिया है। मंदिर में विशेष हवन किए जा रहे है। यही नहीं गाँव में आई एक सरकारी टिम को भी लोगों ने टेस्ट करने से मना कर दिया था।