म्युकर मायकोसिस का महंगा है इलाज, महाराष्ट्र सरकार ने निःशुल्क चिकित्सा का एलान किया
By Loktej
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महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा म्यूकोरमाइकोसिस के मरीजों का इलाज राज्य सरकार की प्रमुख चिकित्सा बीमा योजना के तहत मुफ्त में किया जाएगा।
कोरोना महामारी के बीच देश में एक नया खतरा सामने आ रहा है। देश भर में कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस यानी म्युकर मायकोसिस का अटैक देखने को मिल रहा है। गुजरात के कई शहरों में इसके कारण होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। गुजरात के अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में भी इस बीमारी से कई मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं तो कई मरीजों की मौत हो चुकी हैं तो कई मरीजों की इस बीमारी के कारण जान भी चली गई है। पहले कोरोना के लिए आवश्यक इंजेक्शन के बाद अब इस बीमारी के निवारक इंजेक्शन की कमी है। ब्लैक फंगस या म्युकोरमाईकोसिस के उपचार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इंजेक्शनों की संख्या कम हो गई है।
आपको बता दें कि इस इंजेक्शन की कीमत बहुत अधिक हैं और मरीज को एक बार में सौ जितनी डोजेन देनी पड़ती हैं। ऐसे में किसी आम आदमी के लिए ये बहुत ही टेढ़ी खीर हैं। इसी के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा ऐलान करते हुए अपने प्रदेश में इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों का मुफ्त में इलाज करने की घोषणा की हैं। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने आधिकारिक बयान में कहा कि म्यूकोरमाइकोसिस के मरीजों का इलाज राज्य सरकार की प्रमुख चिकित्सा बीमा योजना के तहत मुफ्त में किया जाएगा। म्यूकोरमाइकोसिस रोगियों को महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के तहत कवर किया जाएगा।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के अनुसार उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य योजना के तहत शामिल 1,000 अस्पतालों में ऐसे मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाएगा।
साथ ही महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे कहा कि म्यूकोरमाइकोसिस रोगियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इंजेक्शनों को कीमत से अधिक पर बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी दरों पर सीमा तय की जाएगी।
गौरतलब हैं कि कम प्रतिरोधक क्षमता और बड़ी बीमारी वाले मरीजों में इस बीमारी के फैलने का खतरा अधिक होता है। ब्लैक फंगस (म्युकर माइकोसिस) कैंसर की तरह मरीजों की हड्डियां तक गला रहा है। यह अपने आसपास की कोशिकाएं भी नष्ट कर सकता है। फिलहाल नाक से लेकर दिमाग तक इसका अधिक असर दिखा है। यह काफी घातक होता है। यह शरीर की कोशिकाओंको मारता है। और कई अंगों को क्षतिग्रस्त कर देता है। यहां तक की इससे मरीजों की जान तक चली जाती है। इससे आंखों की रोशनी भी चली जाती है।