ससुराल वालों से की थी तारीख बदने की मांग, नहीं हुए राजी तो तोड़ दी शादी
इस कोरोना काल में कुछ लोग सिर्फ सेवा को ही अपना धर्म मानते हुए जरुरतमंद लोगों की सेवा कर रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए व्यक्तिगत लाभ-हानि, समाज, घर-परिवार सब बाद में और सेवा सबसे पहले! ऐसे लोग अपने परिवार से भी पहले जरूरतमंदों की सेवा में लगे हुए है। अब एक ऐसी ही घटना नागपुर में सामने आई है जहां एक महिला डॉक्टर ने अपनी शादी को भी ताक पर रखते हुए कोरोना काल में मरीजों की सेवा करने को प्राथमिकता दी हैं। दरअसल इस महिला डॉक्टर कोरोना के समय में अपनी शादी तोड़ने का फैसला किया।
आपको बता दें कि नागपुर की इस महिला डॉक्टर का नाम अपूर्वा मंगलगिरी है जो सेंट्रल इंडिया कार्डियोलॉजी अस्पताल में फिजिशियन के रूप में कार्यरत हैं। उनकी शादी 26 अप्रैल को थी। लेकिन उन्होंने शादी तोड़ दी। उन्होंने बताया कि वे कोरोना के समय में शादी नहीं करना चाहती थी। ऐसे में उन्होंने शादी की तारीख टालने या आगे बढ़ाने की बात कही। लेकिन लड़के वालों ने डॉक्टर की बात नहीं मानी। शादी की तारीख नहीं मानाने पर अपूर्वा ने शादी तोड़ दी और खुद को केवल मरीजों के लिए समर्पित कर दिया।प्रतिकात्मक तस्वीर
इस बारे में अपूर्व ने कहा कि उसके पिता की मृत्यु पिछले साल सितंबर में कोरोना के कारण हुई। यह उस समय उन्होंने उस असहाय दु: ख का अनुभव किया था जो एक मरीज और उसके रिश्तेदारों को होता हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई जरूरतमंद लोग फोन करते हैं। अपूर्वा को पता चलता है कि अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सों की कमी है। अपूर्वा ने बताया कि वो उन लोगों की मदद करना चाहती है। उनका एक एक मिनट लोगों की सहायता कर सकता हैं और ये देखते हुए अपूर्वा ने अपनी शादी तोड़ दी। अपूर्वा के परिवार ने उनके साहस की सराहना की और वे भी खुश हैं। परिवार को बेटी पर गर्व है कि उनकी बेटी मुश्किल समय में लोगों की मदद कर रही है।