दिल्ली के अस्पतालों में स्थापित किए जा रहे हैं 48 ऑक्सीजन प्लांट
By Loktej
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प्लांट की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 330 लीटर जिससे 50-60 सिलेंडर भरे जा सकते हैं, पाइप लाइन से हो इस्तेमाल तो करीब 33 मरीजों को 24 घंटे मिल सकती है ऑक्सीजन
नई दिल्ली, 6 मई (आईएएनएस)| दिल्ली के सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में नया ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 330 लीटर ऑक्सीजन की है और इससे 50-60 सिलेंडर भरे जा सकते हैं। अगर पाइप लाइन से इसका इस्तेमाल किया जाए, तो करीब 33 मरीजों को 24 घंटे ऑक्सीजन दी जा सकती है। ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए पूरी दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर ऐसे 48 प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में स्थापित नए ऑक्सीजन प्लांट का गुरुवार को निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार फ्रांस से 21 ऑक्सीजन के प्लांट आयात कर रही है और बाकी के प्लांट भारत के ही हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में स्थापित किए गए नए ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया। मैं इस सहयोग के लिए फ्रांस की सरकार का धन्यवाद करता हूं। हम ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए पूरी दिल्ली में ऐसे 48 प्लांट स्थापित कर रहे हैं।"
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जैसा कि हम देख रहे हैं कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में ऑक्सीजन की भारी कमी हो रही है। एक तरफ, हम जहां केंद्र सरकार से ऑक्सीजन ले रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ, हमारी अपनी भी कोशिश है कि हम अपने स्तर पर जितना ऑक्सीजन पैदा कर सकते हैं, हम वह कोशिश कर रहे हैं। इसी के मद्देनजर सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में ऑक्सीजन का एक प्लांट लगाया गया है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जरूरत 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन की है, अगर हमें प्रतिदिन 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल जाए, तो दिल्ली के अंदर अस्पतालों में समुचित व्यवस्था हो सकती है। मैं सत्यवादी राजा हरिश्चंद अस्पताल के एमएस से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में 200 बेड हैं, लेकिन 40 से 50 बेड पर मरीजों की भर्ती नहीं ले पा रहे हैं, क्योंकि ऑक्सीजन की कमी है। अगर समुचित मात्रा में ऑक्सीजन मिल जाए, तो 40 बेड यहां पर तुरंत तैयार हो सकते हैं। ऐसे कई अस्पताल हैं, जिन्होंने अपने बेड कम कर दिए। वे ऑक्सीजन की कमी की वजह से बेड नहीं बढ़ा पा रहे हैं। अगर ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में आ जाएगी, तो दिल्ली के जो अस्पताल हैं, वह अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करेंगे।
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