बंगाल में हिंसा की सीबीआई जांच की मांग को लेकर भाजपा नेता सुप्रीम को पहुंचे
By Loktej
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सत्ताधारी पक्ष के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई घर और एनजीओ में तोडफोड - गौरव भाटिया
नई दिल्ली, 4 मई (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में 2 मई को विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद भड़की हिंसा के मामलों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर भाजपा प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। याचिका में कहा गया है : "पश्चिम बंगाल में, हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान और उसके बाद जघन्य हत्या, दुष्कर्म, छेड़छाड़, घोर हिंसा और राज्य में कानून व्यवस्था के पूरी तरह से टूटने जैसे गंभीर अपराधों के मामले को अदालत में लाने के लिए याचिकाकर्ता द्वारा तत्काल आवेदन को प्राथमिकता दी गई है।"
भाटिया ने मीडिया रिपोर्टो का हवाला देते हुए, अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि हिंसा सीधे अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से सत्ताधारी पार्टी द्वारा प्रायोजित है, जो राज्य के उन नागरिकों से बदला लेना चाहती है, जिन्होंने तृणमूल के अलावा किसी अन्य पार्टी को वोट देकर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल किया। भाजपा नेता ने कोलकाता में एक कार्यकर्ता अविजित सरकार की 'हत्या' का भी हवाला देते हुए कहा कि यह इस बात को उजागर करने के लिए पर्याप्त है कि किस तरह से लोकतंत्र का एक 'महान नृत्य' इस समय तृणमूल कांग्रेस के संरक्षण में पश्चिम बंगाल में चल रहा है।
याचिका में कहा गया है, "उनकी मौत से पहले फेसबुक मोमेंट्स पर अपलोड किए गए एक वीडियो में अविजित सरकार ने बताया कि कैसे तृणमूल कार्यकर्ताओं ने न केवल उनके घर और एनजीओ में तोड़फोड़ की, बल्कि निर्दयता से निरीह पिल्लों को भी मार दिया। सरकार ने विशेष रूप से हमले और अंतत: मौत के लिए तृणमूल नेताओं को दोषी ठहराया।"
याचिका में आगे कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि तृणमूल पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर अनुचित प्रभाव डाल रही है, क्योंकि पार्टी के किसी भी कथित कार्यकर्ता के खिलाफ अपराध के लिए कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। चिका के मुताबिक, "तृणमूल ने अपने राजनीतिक विरोधियों को, विशेष रूप से भाजपा और उसके सदस्यों और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते हुए, उन्हें फासीवादियों और बड़े लोगों के रूप में लक्षित किया है।"
याचिका में सीबीआई जांच की मांग के अलावा, पश्चिम बंगाल सरकार से अपराधियों के खिलाफ पंजीकृत एफआईआर, गिरफ्तारी और इसके लिए उठाए गए कदमों के संबंध में एक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग भी की गई है। याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि वह इस आवेदन को स्वीकार करे और सीबीआई को आदेश जारी कर एक जांच शुरू करने और राज्यभर में तृणमूल कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसा, हत्याओं और दुष्कर्म की घटनाओं की जांच करने का निर्देश दे।
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