संकटकाल में इन्हें आया ये बिज़नेस आइडिया; कमाई के साथ ज़रूरतमंदों की सेवा भी, जानें

संकटकाल में इन्हें आया ये बिज़नेस आइडिया; कमाई के साथ ज़रूरतमंदों की सेवा भी, जानें

बिहार के 22 जिलों में काम कर रहा है नीरज का स्टार्टअप, एम्ब्युलेंस और मेडिकल संसाधन को पहुंचाने का करते है काम

देश भर में कोरोना के कारण लोगों की हालत काफी खराब हो चुकी है। बढ़ते हुये कोरोना के कारण देश का स्वास्थ्य तंत्र पूरी तरह से टूट चुका है। ऐसे में कई लोग जरूरत मंद लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे है। जिसमें से एक है बिहार के पटना के रहने वाले नीरज झा, जो की कई अस्पतालों में हॉस्पिटल मेनेजमेंट कंसल्टेंट रह चुके है। जिन्हों ने अपने स्टार्टअप हनुमान के साथ कई लोगों की सहायता की और साथ में हर महीने 10 से 12 लाख की कमाई भी कर रहे है। 
पिछले साल जब कोरोना ने अपना कहर ढाना शुरू किया था, तब हेल्थ सिस्टम की विवशता उनके सामने आई। उन्होंने देखा की किसी भी मरीज को एम्ब्युलेंस, दवा, ऑक्सीज़न और होम नर्सिंग की सुविधा आसानी से नहीं मिल रही थी। जिसके चलते उन्होंने अपना स्टार्टअप हनुमान लॉंच किया। फिलहाल वह बिहार के 22 जिलों में एम्ब्युलेंस सर्विस चला रहे है। नीरज कहते है की यह काम शुरू करने का आइडिया उन्हें डॉ साल पहले आया था। जब वह एक अस्पताल में काम करते थे। इसी दौरान उनकी मौत आईटी एक्सपर्ट से हुई जो की अपने पिता के इलाज के लिए यहाँ वहाँ भटक रहे थे। 
दोनों की मुलाक़ात के बाद उन्हें पता चला की वह दोनों दूर के रिश्तेदार है। दोनों के दिमाग में यह विचार आया की इस बारे में कोई पहल की जाये, जिससे की लोगों को मेडिकल हेल्प और सपोर्ट मिल सके। साल 2019 में उन्होंने अपने इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया। नीरज कहते है की उन्होंने एक एप, वैबसाइट और सॉफ्टवेर डेवल्प किया है। जिस तरह से ओला से कार का बुकिंग होता है, ठीक उसी तरह वैबसाइट की मदद से हम लोगों की बुकिंग को एक्सैप्ट करते है। येदी कोई एप या वैबसाइट का इस्तेमाल नहीं कर पाता तो उनके हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर एम्ब्युलेंस की रिक्वेस्ट कर सकते है। 
नीरज ने कई संस्थाओं के साथ टाईअप किया है, जो उनके लिए ऑक्सीज़न और अन्य इक्वीपेमेंट्स की व्यवस्था करती है। नीरज कहते है कि फिलहाल उनके पास 350 एम्ब्युलेंस है। इसके अलावा उन्होंने कुछ ई-रिक्शा एम्ब्युलेंस भी शुरू कि है। उन्होंने अब तक 30 घरों में अपना नर्सिंग होम भी सेटकिया है। नीरज कहता है कि फिलहाल उनके पास हर दिन 500 से अधिक सर्विस रिक्वेस्ट आ रही है। जिसमें से 150 से अधिक एम्ब्युलेंस के लिए होती है। फिलहाल संसाधनों के अभाव के कारण वह अधिक लोगों को तक नहीं पहुँच पा रहे है।