शर्मनाक: आईसीयू में भर्ती करने के लिए डॉक्टर ने मरीज से मांगी तीन लाख की घुस
By Loktej
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आपदा को अवसर बनाने में लगे हुए लोग, पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लिया
कोरोना की दूसरी लहर के कारण देश भर में स्थिति बहुत गंभीर बनी हुई है। एक ओर संक्रमित मामलों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं, अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं वहीं दूसरी ओर अधिकांश राज्यों में ऑक्सीजन की भारी कमी देखी जा रही हैं। कोरोना मरीज ऑक्सीजन की कमी के कारण मर रहे हैं। लोगों के दाह संस्कार के लिए श्मशान में भी घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। यही हाल महाराष्ट्र का है। महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे करोना के मामलों ने प्रशासन की नींद उड़ा रखी हैं। लेकिन ऐसे मौके पर भी कुछ लोग इस आपदा का फायदा उठाने में लगे हैं। ऐसा ही एक मामला ठाणे से सामने आया है जहां एक म्युनिसिपल कार्पोरेशन से अटैच एक डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस डॉक्टर पर यह आरोप है कि उसने दो मरीजों को आईसीयू में भर्ती करने के लिए तीन लाख की घूस ली थी।
जानकारी के अनुसार यह मामला ग्लोबल हब कोविड अस्पताल का है। इस मामले के सामने आने के बाद मेजर नरेश महस्के ने मनपा प्रशासन को पुरे मामले की जांच का आदेश दे दिया। इसके बाद मनपा आयुक्त डॉक्टर बिपिन शर्मा के निर्देश पर कापुरबावडी पुलिस स्टेशन में डॉ. परवेज, डॉक्टर नाजनीन, अबिद खान, ताज खान और अब्दुल गफार खान के ख़िलाफ आईपीसी 420,286 तथा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया।
आपको बता दें कि सभी आरोपी अस्पताल में डॉक्टर और अन्य स्टाफ की आपूर्ति की जिम्मेदारी निभाने वाली संस्था मेसर्स ओमसाई आरोग्य केयर प्रा.लि. एजेंसी से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने डॉ.परवेज को गिरफ्तार कर ठाणे न्यायालय में पेश किया गया। जहाँ परवेज को 5 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। हालांकि पुलिस का मानना है कि परवेज और उससे जुड़े लोगो ने अन्य मरीजों से साथ भी ऐसा ही कुछ किया है।
इस मामले में जाँच करने के दौरान अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर अनंत मांजरेकर, डॉक्टर पल्लवी हावरे, डॉक्टर जेबा बलबले तथा डॉक्टर उमर शेख ने पुलिस को दिए अपने बयान में डॉ. परवेज और सेंटर हेड डॉक्टर नाजनीन के इशारे पर बेड खाली रखने की बात बताई। आपको बता दें कि वसई निवासी सचिन बाबर के पिता दिलीप बाबर को गुरुवार को ग्लोबल हब अस्पताल में लाया गया था जहां डेढ़ लाख रुपये देते ही आधे घंटे में दिलीप को आईसीयू में भर्ती कर लिया गया था। मामले के सामने आते ही हड़कंप मच गया था।
इस घटना के सामने आते ही टीएमसी के स्वास्थ्य विभाग में फैला भ्रष्टाचार सामने आया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी राजू मुरुडकर को एक निजी फर्म से पहली किस्त के रूप में 5 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों ने फर्म से 30 वेंटिलेटर के एक टेंडर को मंजूरी देने के लिए 10 पर्सेंट कमीशन के रूप में 15 लाख रुपये की मांग की थी।