चुनौती के समय भी आनंद बिखेरना भारतीय संस्कृति की विशेषता : दत्तात्रेय होसबोले

चुनौती के समय भी आनंद बिखेरना भारतीय संस्कृति की विशेषता : दत्तात्रेय होसबोले

होसबोले शनिवार देर शाम राजधानी लखनऊ के श्रृंगार नगर स्थित पार्क में आरएसएस द्वारा आयोजित होलिकोत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे

लखनऊ, 27 मार्च (आईएएनएस)| राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के नवनिर्वाचित सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने यहां शनिवार को कहा कि चुनौती के समय भी धैर्य न खोना और संतुलन बनाए रखना ही भारतीय संस्कृति की विशेषता है। उन्होंने कोरोना संकट काल में लोगों से सावधान और सतर्क रहने की अपील भी की। होसबोले शनिवार देर शाम राजधानी लखनऊ के श्रृंगार नगर स्थित पार्क में आरएसएस द्वारा आयोजित होलिकोत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष के कालखंड में कोरोना महामारी को लेकर जो संकट का माहौल रहा, उसे भी होली के अवसर पर हमें याद करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान जिस तरह से चिकित्सकों, नर्सों, सुरक्षाकर्मियों और सफाई कर्मचारियों सहित समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया, आज उन्हें नमन करना चाहिए और उनके प्रति कृतज्ञता अर्पित करनी चाहिए।
इस अवसर पर उन्होंने देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगे सेना के जवानों, किसानों और वैज्ञानिकों को भी याद करते हुए "जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान" नारे के साथ सभी के प्रति कृतज्ञता अर्पित की।
सरकार्यवाह ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने सेवा सहकार और समन्वय की अद्भुत मिसाल कायम की। स्वयंसेवकों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर काम किया। उन्होंने कहा कि सारी मानवता कोरोना संकट की चुनौती के साथ जूझता रहा।
सरकार्यवाह होसबोले ने इस अवसर पर यह भी कहा, "कोरोना का संकट अभी टला नहीं है। हमें इसे पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए नियमों का पालन अभी भी करना है। उन्होंने होली की शुभकामना देते हुए लोगों से अपील भी की कि कोरोना जैसी चुनौती का सामना करते लोग आपस में उल्लास और आनंद को बिखेरें।"
पूर्व में प्रसिद्ध संगीतकार श्रीकांत शुक्ल के नेतृत्व में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। होली के गीत गाए गए। फूलों की होली खेली गई और कलाकारों ने कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया।