सिर्फ भारतीय सैनिक ही नहीं, सेना के कुत्तों भी हैं बहादुर, दो गोली लगने के बाद भी ‘जूम’ ने आतंकियों को नहीं छोड़ा

सिर्फ भारतीय सैनिक ही नहीं, सेना के कुत्तों भी हैं बहादुर, दो गोली लगने के बाद भी ‘जूम’ ने आतंकियों को नहीं छोड़ा

सेना ने साझा किया अपने बहादुर कुत्ते को समर्पित एक वीडियो, देखिये ज़ूम की ट्रेनिंग

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षा बलों को रविवार देर रात दक्षिण कश्मीर जिले के तंगपावा इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी जिसके बाद अभियान शुरू किया गया। आतंकवादियों को पकड़ने गए सुरक्षाकर्मियों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के दौरान सोमवार को भारतीय सेना का एक कुत्ता ‘जूम’ गंभीर रूप से घायल हो गया।

आतंकियों को ढूंढने आया जूम


मामले में मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा बलों द्वारा अनंतनाग जिले में आतंकवादियों को पकड़ने के लिए शुरू किये इस सर्च अभियान में सेना ने अपने लड़ाकू सिपाही जूम को भी उतारा था। इस तलाशी में जिस घर में आतंकवादी छिपे हुए थे उस घर को खाली करने का काम जूम को सौंपा गया था। अपने काम को अंजाम देते हुए जूम घर के अंदर गया और आतंकवादियों पर हमला कर दिया। इस ऑपरेशन के दौरान जूम को दो बार गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

आतंकियों ने मारी गोली फिर भी किया काम पूरा


आपको बता दें कि जूम इससे पहले भी कई सक्रिय अभियानों का हिस्सा रहा है। इस अभियान के बारे में अधिकारियों ने कहा कि,  ‘जूम’ ने पहचान करने के बाद आतंकियों पर हमला किया जिस दौरान उसे भी दो गोलियां लगीं। हालांकि गोलियां लगने के बाद भी जूम लड़ता रहा और अपना काम पूरा किया, जिसके परिणामस्वरूप दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस बहादुर कुत्ते को इलाज के लिए सेना के पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। इस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को ढेर किया गया, हालांकि दो सैनिक भी घायल हुए हैं।

सेना ने अपने बहादुर कुत्ते की ट्रेनिंग का एक वीडियो शेयर किया है। ट्रेनिंग वीडियो देखकर ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दुनिया का कोई भी आतंकी जूम से बच नहीं सकता।

सेना के पास है और भी ऐसे बहादुर कुत्तें


गौरतलब है कि जूम के अलावा अन्य आर्मी डॉग एक्सल भी इसी साल 30 जुलाई को इसी तरह आतंकियों से भिड़ गया था। अपनी बहादुरी का नजारा दिखाने के बाद एक्सल शहीद हो गया था। आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर उसे मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारतीय सेना के पास कुत्तों की एक बड़ी फौज है। अपनी टुकड़ियों में कुत्तों की विभिन्न नस्लें रखती है। इनमें लैब्राडोर, जर्मन शेफर्ड, बेल्जियम मालिंस और ग्रेट माउंटेन स्विस डॉग शामिल हैं। इन कुत्तों की अलग-अलग ड्यूटी होती है। इनमें गार्ड ड्यूटी, पेट्रोलिंग, विस्फोटकों को सूंघना, ड्रग्स व अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं को सूंघना आदि शामिल हैं।