भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक का समुंद्री परीक्षण शुरू, चीन सागर में चार युद्धपोत भेजेगा भारत

भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक का समुंद्री परीक्षण शुरू, चीन सागर में चार युद्धपोत भेजेगा भारत

भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत विक्रांत बुधवार से समुद्र में परीक्षण के लिए तैयार हो गया। आपको बता दें कि 40,000 टन वजनी इस जहाज को लगभग 23,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। अब इसका पहली बार समुद्र में परीक्षण किया जाएगा। युद्धपोत आईएनएस विक्रांत ने 50 साल पहले पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी।
आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी को लेकर चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने दक्षिण चीन सागर में मुफ्त शिपिंग और काउंटर चाइना योजना में बड़ी भूमिका निभाने के संकेत दिए हैं। इस संबंध में भारत सहयोगियों के साथ सुरक्षा संबंधों का विस्तार करने के लिए इस महीने दक्षिण चीन सागर में चार युद्धपोत भेजेगा। भारतीय युद्धपोत करीब दो महीने तक दक्षिण चीन सागर, दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिमी क्षेत्र में रहेगा।
गौरतलब है कि नौसेना के चार युद्धपोतों का पूर्वी तट पर उतरना सामान्य बात है, लेकिन मौजूदा समय में यह चीन के लिए कड़ा संदेश है। पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के कारण हर मोर्चे पर कड़वाहट है। इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय नौसेना का वजन भारी है। चीन को अमेरिका के मालाबार अभ्यास, हमारे मिलान अभ्यास और चार प्रमुख नौसैनिक बलों के चतुष्कोणीय गठबंधन पसंद है। क्वाड और भारत का स्पष्ट रुख है कि तहेनती और अभ्यास चीन के लिए नहीं हैं। हालांकि चीन ऐसा नहीं सोचता।
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