भारत में मिले कोरोना के नए वेरिएन्ट को WHO ने दिया यह नाम

अन्य कई देशो में भी मिले कोरोना वेरिएन्ट को दे चुका है नाम

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के नए वेरिएंट ऑफ कंसर्न, वेरिएन्ट ऑफ इन्टरेस्ट रेट का नाम लिखते समय ग्रीक  अल्फाबेट में रखने की सलाह दी है। यह नाम सरलता से याद रह सके इसलिए रखा गया है। इससे सार्स-कोव-2 को याद रखने में सरलता रहेगी। भारत में मिले कोरोना के पहले वैरिएंट को डेल्टा कहां जाएगा। जबकि भारत में मिले दूसरे वर्जन को कप्पा कहा जाएगा। 
विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोविड-19 की टेक्निकल हेड मारिया वेन ने कहा कि इस लेवल से हाल वैज्ञानिक नामों पर कोई असर नहीं होगा। इनसे कई जानकारियां मिली है और वैज्ञानिक खोज चलते रहेगी। किसी भी देश को वैरीएट ढूंढने या उसकी माहिती देने की सजा नहीं मिलनी चाहिए। ब्रिटेन में 2020 के सितंबर महीने में मिले वैरीअंट का नाम अल्फा रखा गया है, जबकि दक्षिण अफ्रीका में मिले वैरिएंट को बीटा नाम दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले साल नवंबर में ब्राजील में मिले वेरिएंट को गामा नाम दिया था
इसके अलावा अमेरिका में मिले वेरिएंट को एप्सिलोन जबकि फिलिपाइन्स में मिले वेरिएन्ट को इस साल जनवरी में थीटा नाम रखा था। मिली जानकारी के अनुसार भारत में पहली बार सामने आए बी 1.617, बी 1.617.2 और बी 1.617.3 अलग अलग देशो मे यह तीन वायरस दिखे थे। जिसमें बी 1.617 वेरिएन्ट बहुत ही घातक है। इस प्रकार के कोरोनावायरस को डबल म्यूटंटवाले वायरस भी कहा जाता है। इन्हीं के कारण महाराष्ट्र और दिल्ली में संक्रमण तेजी से फैला। महाराष्ट्र के कई शहरों में जिनोम सिक्वेसिंग कराए गए आधे से अधिक सेम्पल में बी.1.617 वेरिएन्ट मिले।