'वर्क फ्रॉम होम’ का असर ऐसा कि वापस ऑफिस जाने से बेहतर काम छोड़ना पसंद कर रहे अधिकांश कर्मचारी

'वर्क फ्रॉम होम’ का असर ऐसा कि वापस ऑफिस जाने से बेहतर काम छोड़ना पसंद कर रहे अधिकांश कर्मचारी

एक निजी शोध फर्म द्वारा किए गए 700 कंपनियों के एक सर्वेक्षण में सामने आई जानकारी

कोरोना आने के साथ ही कॉर्पोरट क्षेत्र में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर शुरू हुआ। कोरोना के समय अपने घर में कैद हो कर काम करने को मजबूर लोगों ने धीरे-धीरे इसे ऐसा स्वीकार किया कि अब सबको वर्क फ्रॉम होम सामान्य काम के तरीके से ज्यादा बेहतर लगने लगा। हालांकि कोरोना के थमने और वैक्सीन आने के बाद कंपनियों ने फिर से कर्मचारियों को ऑफिस बुलाना शुरू कर दिया।


हालांकि अब कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का कल्चर इतना पसंद आ रहा है कि लोग ऑफिस आने के बदले काम छोड़ना पसंद कर रहे हैं। इस प्रमाण ये है कि एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में पाया गया कि जिन कंपनियों ने ‘वर्क फ्रॉम होम’ बंद कर दिया, उनमें अगस्त में कर्मचारियों के स्थानांतरण या काम छोड़ने का प्रतिशत 29 प्रतिशत था, जबकि वर्क फोम होम या हाइब्रिड वर्क मॉडल को जारी रखने वाली कंपनियों में, नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों का प्रतिशत 19 प्रतिशत था।

निजी शोध फर्म द्वारा हुआ एक सर्वेक्षण


आपको बता दें कि एक निजी शोध फर्म द्वारा किए गए 700 कंपनियों के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि केवल नौ प्रतिशत कंपनियां ही वर्क फ्रॉम होम प्रणाली को पूरी तरह से लागू हैं। जनवरी में यह दर 38 फीसदी थी। 90 फीसदी से ज्यादा कंपनियों ने दफ्तरों से काम करना शुरू कर दिया है। जिन कंपनियों में वर्क फोम होम सिस्टम को समाप्त कर दिया है उसमें कर्मचारियों के काम छोड़कर जाने के उच्च दर से संकेत मिलता है कि वे घर से काम करना पसंद कर रहे हैं।

कुछ कंपनी दे रही हैं ये विकल्प


हालांकि इसके सामने कुछ कंपनियां हाइब्रिड दृष्टिकोण पेश करती हैं, जिसमें कर्मचारियों को घर से या कार्यालय से काम करने का विकल्प दिया जाता है। कुछ कंपनियां सप्ताह में केवल दो से तीन बार कर्मचारियों को कार्यालय में बुलाती हैं, और शेष दिनों में घर से काम करने की अनुमति देती हैं।

कर्मचारियों की भर्ती में साल दर साल कमी


सेवा क्षेत्र की कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम पद्धति अभी भी जारी है, जिन्हें ऑनलाइन काम की आवश्यकता होती है। इस बीच एक अन्य रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में देश की शीर्ष आईटी कंपनियों में कर्मचारियों की भर्ती में साल दर साल 25 फीसदी की कमी आई है। वर्ष के अंत में पूर्ण वित्त में 50 प्रतिशत की गिरावट देखने की उम्मीद है। पिछले वित्त वर्ष के पहले महीने में देश की शीर्ष चार आईटी कंपनियों में कर्मचारियों की भर्ती की संख्या 107616 थी, जो चालू वर्ष की इस अवधि में 81700 देखी गई है।
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