जानिए कैसे मात्र एक छोटे से 'कप' से होगी बड़ी बचत और सुरक्षा, दोनों एक साथ

जानिए कैसे मात्र एक छोटे से 'कप' से होगी बड़ी बचत और सुरक्षा, दोनों एक साथ

महिलाओं के मासिक धर्म समय के लिए बाजार में पैड के विकल्प के तौर पर अब 'मेंस्ट्रुअल प्योर कप' या मेंस्ट्रुअल कप उपलब्ध

आज के तकनीकी युग में नए-नए अविष्कार हो रहे हैं।  एक समय में मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के लिए स्वच्छ और रोगाणुहीन उपकरण उपलब्ध नहीं थे। आज मासिक धर्म के दौरान महिलाओं की देखभाल करने के साथ-साथ, समझ और उपकरणों के आविष्कार के साथ, कई सुविधाएं मिलनी शुरू हो गई हैं।  इस दिशा में अक्षय कुमार की फिल्म 'पैडमैन' ने भी भारत के ग्रामीण इलाकों में अच्छी जागरूकता लाई।  जैसे-जैसे पैड की खपत बढ़ती गई और अब स्थिति ये हैं कि आर्थिक रूप से कमजोर महिला भी अब आसानी से पैड खरीद सकते हैं। अब बाजार में पैड के विकल्प के तौर पर अब 'मेंस्ट्रुअल प्योर कप' (मेंस्ट्रुअल कप) उपलब्ध हैं जो महिलाओं को सालाना 50,000 रुपये से ज्यादा की बचत करा सकते हैं।
आपको बता दें कि आज के समय बाजार में पैड के विकल्प के तौर पर अब 'मेंस्ट्रुअल प्योर कप' या मेंस्ट्रुअल कप एक से अधिक बार इस्तेमाल करने योग्य है। ये धोने योग्य और लचीले होते हैं और इन्हें दस वर्षों तक उपयोग किया जा सकता है।
फिर, भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर, 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत सूरत के सरसाना में स्मार्ट सिटीज मिशन, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा एक स्मार्ट सिटी सम्मेलन आयोजित किया गया है।  सम्मेलन से जुड़े मंडप में राष्ट्रीय स्तर के स्मार्ट सिटी की दृष्टि को बढ़ाने के लिए, पांच मुख्य विषयों जैसे सार्वजनिक स्थान, डिजिटल शासन, जलवायु स्मार्ट शहरों, नवाचार और स्मार्ट वित्त के विभिन्न परियोजना मॉडल के कार्यों को शिखर सम्मेलन में प्रदर्शित किया गया।
उल्लेखनीय हैं कि मेडिकल ग्रेड प्योर कप फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा अनुमोदित एक मेड इन इंडिया उत्पाद है, जिसे जर्मनी से आयातित सिलिकॉन से बनाया गया है।  प्योर कप विषाक्त पदार्थों और लेटेक्स से मुक्त है और इसका उपयोग किशोरों और सभी उम्र की महिलाओं द्वारा किया जा सकता है।  यह छोटे, मध्यम और बड़े आकार और लाल, गुलाबी और पारदर्शी रंगों में भी उपलब्ध है।  इसके अलावा सिलिकॉन, रबर या लेटेक्स से बने छोटे कप के आकार के सामान धीरे-धीरे महिलाओं के जीवन में सैनिटरी पैड की जगह ले रहे हैं।इसके पीछे कारण यह भी है कि पैड का इस्तेमाल सिर्फ एक बार ही किया जाता है।  जबकि मेंस्ट्रुअल कप टिकाऊ होते हैं।  साथ ही मासिक धर्म के दौरान शरीर से प्लास्टिक और अन्य हानिकारक रसायनों को हटा दिया जाता है और महिला जननांग में कोई असुविधा नहीं होती है।  यही कारण है कि यह अधिक प्रचलित है।
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