बस बदल लीजिये अपने साँस लेना का तरीका, चुटकियों में भाग जाएगी बीमारियाँ

बस बदल लीजिये अपने साँस लेना का तरीका, चुटकियों में भाग जाएगी बीमारियाँ

आज के इस तकनीकी युग में कई लोग अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए परेशान है। अधिकतर लोगों को बैठ कर काम करने की आदत है। ऐसे में वह कई तरह की बीमारियों का भी शिकार बनते है। पर आज हम आपको इन बीमारियों से ठीक होने का एक रामबाण इलाज बताने जा रहे है। 
मनुष्य के जीवित रहने के लिए सबसे जरूरी है, उसका सांस लेना। पर यदि हम आपको कहें कि हमारी कई बीमारियों का सही इलाज तो यह है कि हम अपनी सांस लेने कि गलत पद्धति को बदल दे। अब आप यह सोचेंगे की सांस लेने की गलत पद्धति क्या होती है। तो आइये हम आपको बताते है इसके बारे में, क्योंकि यदि आप सांस लेने की सही पद्धति को अपना ले तो शरीर की कई हठीली बीमारियाँ अपने आप ही गायब हो जाएगी। तो आइये जानते है कि आखिरकार क्या है, सांस लेने की सही पद्धति।
सांस लेने के लिए सबसे पहले उदरपटल नीचे नाभि की और जाना चाहिए और उसके बाद छाती की पसलियाँ बाहर आनी चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे गहरी सांस लेते हुये फेफड़ों में हवा भरनी चाहिए। इस दौरान मन में एक, दो, तीन इस तरह से सेकंड भी गिनते रहना चाहिए। सांस लेने के दौरान जीतने काउंट किए उससे तीन गुना अधिक समय तक सांस को शरीर के अंदर रोके रहना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ना चाहिए। 
इस तरह फेफड़ों में सबसे अधिक हवा मिलती है और सबसे खून में सबसे अधिक प्राणवायु हवा घुलती है। शरीर के प्रत्येक कोष में दो गुना ऑक्सीज़न पहुंचता है। जिसके चलते कोष के सभी काम अच्छी तरह से तथा और भी अधिक कार्यक्षम तरीके से होते है। जिससे शरीर भी आरोग्यवान रहता है।
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