भगवान शिव के इस अनोखे मंदिर में बिना झगड़ें के नहीं होता कोई भी आयोजन

भगवान शिव के इस अनोखे मंदिर में बिना झगड़ें के नहीं होता कोई भी आयोजन

सदियों पहले नजदीक के किले में से मिला था शिवलिंग

उत्तरप्रदेश का लखनऊ अपने तीर्थ स्थानों के लिए काफी मशहूर है। यहाँ स्थापित धार्मिक स्थल अपनी अनोखी विशेषता के कारण एक अलग ही पहचान रखते है। लखनऊ के अलीगंज में आए हनुमान मंदिर का खड़क हिंदू-मुस्लिम एकता की निशानी है। ऐसा ही एक और अनोखा मंदिर यहाँ स्थित है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है की मंदिर में बिना झगड़ा किए कोई भी शुभ काम नहीं हो सकता। किसी भी आयोजन के लिए मंदिर में कुछ समय तक झगड़ा जरूर ही होता है, हालांकि कुछ ही समय में सब कुछ ठीक हो जाता है। 
मान्यता है की मंदिर में मात्र भगवान शिव की आराधना करने से सारे दुखों का नाश हो जाता है। इसके अलावा मंदिर में रुद्राभिषेक कर हर कोई अपनी मानता पूर्ण करता है। महिलाओं द्वारा सोमवार को व्रत रखकर अपना मनपसंद जीवनसाथी प्राप्त करने के लिए मंदिर में पुजा करने के लिए आती है। हालांकि मंदिर की स्थापना कब हुई इस बारे में किसी को कोई खास जानकारी नहीं है। पर कुछ लोगों के अनुसार, सदियों पुराने इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग एक किले में से मिला था। जिसकी स्थापना कर यहाँ मंदिर बनवाया गया था। 1938 में मंदिर का जीर्णोद्वार किया गया था। 
मंदिर में हर सोमवार को रुद्राभिषेक के साथ ही सुबह शिवार्चना की जाती है और फूलों से भोले बाबा का शृंगार किया जाता है। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो इसलिए महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग लाइन लगाई जाती है। मंदिर के पुजारी अंबिकेश्वर तिवारी का कहना है की मंदिर की स्थापना के बाद से ही अब तक बिना झगड़ा किए कोई भी आयोजन पूर्ण नहीं हुआ है। हालांकि झगड़ा होने के कुछ ही समय के बाद बाबा के आशीर्वाद से सब कुछ ठीक हो जाता है।