कोरोना काल में भी लाभदायी है तांबे के बर्तनों का प्रयोग, जानें कैसे

कोरोना काल में भी लाभदायी है तांबे के बर्तनों का प्रयोग, जानें कैसे

कॉपर एकमात्र ऐसी धातु है जिस पर वायरस या बैक्टीरिया कुछ ही घंटों में नष्ट हो जाते हैं

गांधीनगर की नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की कोविड लैब ने दावा किया है कि कॉपर या कॉपर मिश्र धातु कोरोना वायरस को मार सकते हैं। इस दावे के अनुसार, कोविड -19 के वायरस तांबे पर से  सबसे कम समय में ख़त्म हो जाते है। कोरोना वायरस अन्य धातु या जमीनी परतों की तुलना में तांबे के लेप वाले वस्तुओं पर सबसे कम समय तक रह सकता है।
नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की कोविड लैब ने शोध किया है कि तांबे पर लगे कोरोना वायरस दो मिनट में नष्ट हो जाते हैं. नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की कोविड लैब के अनुसार कॉपर एकमात्र ऐसी धातु है जो वायरस या बैक्टीरिया को कुछ ही घंटों में नष्ट कर सकती हैं। यह कोई नई बात नहीं और हर कोई जनता हैं कि तांबे में जीवाणुरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं। साथ ही यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
आपको बता दें कि तांबा-पीतल धातु को शुद्ध और पवित्र माना जाता है। तांबे के बर्तन में रात भर रखा पानी सुबह-सुबह पीने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। तांबे के बर्तन के पानी का इस्तेमाल सेहत के लिए फायदेमंद साबित हुआ है। तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से लीवर को फायदा होता है। पीतल के बर्तन में बना खाना और भी स्वादिष्ट बनता है। इससे शरीर ऊर्जावान और स्वस्थ रहता है। तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट, कैंसर प्रतिरोधी और सूजन प्रतिरोधी गुणों में वृद्धि होती है। हालांकि तांबे के बर्तनों की विशेष सफाई होनी चाहिए अन्यथा तांबे में रखा पानी भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। तांबे के बारे में माना जाता हैं कि यदि दूषित जल को तांबे के बर्तन में 12 घंटे तक रखा जाए तो वह भी शुद्ध हो जाता है।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए तांबे का सेवन सबसे अच्छा माना जाता है। तांबे के बर्तन में रखा पानी शरीर में खनिजों की पूर्ति करता है। तांबे के जग में भरा पानी नियमित रूप से पीने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम करने में मदद मिलती है। शरीर ऊर्जावान बनता है। इसके लिए फास्ट फूड को श्रद्धांजलि देना जरूरी है।