कारोबार : म्यूचुअल फंड्स पर भी इनसाइडर ट्रेडिंग लागू करने की योजना में सेबी

कारोबार : म्यूचुअल फंड्स पर भी इनसाइडर ट्रेडिंग लागू करने की योजना में सेबी

इस नियम में अगर किसी फंड मैनेजर या म्यूचुअल फंड्स से जुड़े अधिकारी के पास कोई ऐसी प्राइस सेंसिटीव इंफॉर्मेशन है, जो किसी भी स्कीम्स के नेट एसेट वैल्यू (NAV) को प्रभावित करती है, तो वह म्यूचुअल फंड यूनिट्स को नहीं बेच सकेंगे

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया, जिसके तहत म्यूचुअल फंड्स को भी इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े नियमों के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी फंड मैनेजर या म्यूचुअल फंड्स से जुड़े अधिकारी के पास कोई ऐसी प्राइस सेंसिटीव इंफॉर्मेशन है, जो किसी भी स्कीम्स के नेट एसेट वैल्यू (NAV) को प्रभावित करती है, तो वह म्यूचुअल फंड यूनिट्स को नहीं बेच सकेंगे। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग करने वाले लोगों पर  नकेल कसने के बाद अब म्यूचुअल फंड की इकाइयों में इनसाइडर ट्रेडिंग पर नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। 2020 में फ्रैंकलिन टेम्पलटन घटना के पतन के बाद, सेबी ने अब म्यूचुअल फंड इकाइयों के साथ-साथ अंदरूनी व्यापार नियमों में लेनदेन को कवर करने का प्रस्ताव दिया है।
सेबी इनसाइडर ट्रेडिंग निषेध (पीआईटी) विनियमों में एक अलग अध्याय जोड़ने पर विचार कर रहा है। सेबी बाजार के रुझानों पर नियमित रूप से ‘जोखिम कारक प्रकटीकरण’ जारी करने की योजना बना रहा है। जो विशेष म्यूचुअल फंड योजनाओं की इकाइयों में लेनदेन को कवर करेगा। सेबी ने इस संबंध में एक चर्चा पत्र जारी किया है। म्यूचुअल फंड इकाइयों को वर्तमान में पीआईटी नियमों से बाहर रखा गया है।  एक म्यूचुअल फंड से जुड़े कुछ अहम कर्मचारियों ने स्कीम से अपनी सभी यूनिट्स को ऐसे वक्त में रिडीम कर लिया था, जब उनके पास प्राइस सेंसिटिव इंफार्मेशन थी और उस जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया गया था।
ऐसा लगता है कि SEBI ने फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड के बंद होने के मामले का जिक्र किया है जो साल 2020 में सामने आया था। सेबी ने पिछले साल फ्रैंकलिन टेम्पलटनमामले में अपने आदेश में कहा था कि विवेक कुडवा (फ्रैंकलिन टेम्पलटन के डायरेक्टर) और उनकी पत्नी रूपा कुडवा ने नियमों का उल्लंघन कर फंड हाउस की 6 स्कीमों से अपना निवेश निकाल लिया था। यह निवेश ठीक उस समय निकाला गया था, जब उसके कुछ ही दिनों के बाद इसमें से निवेशकों के पैसे निकालने पर रोक लग गई थी।

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