ये नई गाड़ियां खरीदकर, थोड़ी घूमाकर मुनाफे में बेच रहे हैं लोग!
By Loktej
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नई गाड़ियों में चल रहे वेटिंग पीरियड का फायदा उठाकर अधिक कीमत में बेचकर फायदा कमा रहे है लोग
बाजार का बहुत बड़ा नियम है “डिमांड और सप्लाई” अर्थात किसी वस्तु की मांग और उसका निर्यात! इसका अर्थ होता है कि जिस उत्पाद की मांग अधिक होती है और अगर उसकी निर्यात उस अनुपात में नहीं होता तो या तो उत्पाद की कीमत बढ़ जाती है या फिर बाजार की मांग को पूरा करने के लिए कई नए तरीकों का जन्म होता है। फ़िलहाल ऐसा ही कुछ गाड़ियों के साथ खासकर कारों के साथ हो रहा है। एक और जहाँ देश अचानक से लॉन्च हुई कुछ कारों को खरीदने के लिए महीनों से इंतजार कर रहा है, वहीं दूसरी ओर सिर्फ दो-तीन महीनों में नई कारों को बेचने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। ये लोग जो नई कार बेच रहे हैं वे किस्त या अन्य खर्च नहीं उठा पाने के कारण ऐसा नहीं कर रहे बल्कि सेकंड हैंड मार्केट में अपनी नई कारों को बेचकर जमकर मुनाफा कमा रहे हैं।
कैसे कमा रहे है लोग मुनाफा
चलिए आपको इसके बारे में बताते है। दरअसल अहमदाबाद में एक आईटी के रूप में काम करने वाले संजय ने नवंबर 2020 में किआ सॉनेट HTX पेट्रोल मॉडल खरीदा। उनकी कार अभी भी तीन हजार किलोमीटर नहीं चली है, लेकिन अब उन्होंने इसे बेचने के लिए रख दिया। संजय की कार अभी तक मुश्किल से तीन हजार किलोमीटर चली है। उन्होंने कार की कीमत 12 लाख रुपये रखी है। आश्चर्यजनक बात ये है कि इस गाड़ी की नई मॉडल की कीमत इस सेकंड हैण्ड कार से 5 प्रतिशत कम है।
ऐसा ही एक उदाहरण दिल्ली में कारोबार करने वाले हरपाल का है जिन्होंने अपने नए महिंद्रा थार को बेचने के लिए रखा है। इस कार को उन्होंने केवल 1500 किलोमीटर तक चलाया है। उन्होंने कार की कीमत 16 लाख रुपये तय की है। जबकि थार के नए मॉडल की कीमत 15.65 लाख रुपये है। इस तरह कुछ महीनों नई गाड़ियाँ चलाकर सेकंड हैण्ड बेचकर नई गाड़ी से ज्यादा पैसे कमा रहे है और इससे भी बड़ी हैरानी वाली बात ये है कि ऐसे लोगों के पास पूछताछ के लिए लगातार ग्राहकों के कॉल भी आ रहे हैं।
शो रूम से निकलने पर कीमत हो जाती है १०% कम तो कैसे सेकंड हैण्ड कार दे रही मुनाफ़ा
जहाँ एक ओर ऐसा कहा जाता है कि कार के शोरूम से निकलते ही कीमत 10 फीसदी कम हो जाती है। वहीं दूसरी ओर ये गाड़ियाँ दो-तीन महीने बाद भी ऑन-रोड कीमत से अधिक कीमत पर बेची जा रही है, और इसके खरीदार भी मिल रहे हैं। इसके पीछे की वजह इन गाड़ियों के लिए चल रहे वेटिंग पीरियड है। इन कारों की मांग इतनी अधिक है कि आज गाड़ी बुक करने पर अगले तीन-चार महीने बाद तो कुछ गाड़ियाँ छः महीने बाद उपलब्ध हो पा रही है। ऐसे में इन गाड़ियों के मालिक डिमांड एंड सप्लाई का फायदा उठाते हुए जिन लोगों को इनमें से कोई कार खरीदनी है, उनसे चार-छह महीने इंतजार के बदले कुछ हज़ार रुपये अधिक लेकर अपनी कुछ महीनों पुरानी गाड़ी बेचकर पैसे कमा रहे हैं।
छः महीने से लेकर साल भर का है वेटिंग पीरियड
आपको बता दें कि कोरोना काल के बावजूद कई मॉडलों की मांग इतनी बढ़ गई है कि वर्तमान में उनके लिए इंतजार चल रहे हैं। जब से महिंद्रा ने अपनी नई थार को लॉन्च किया है, तब से यह काफी चर्चा में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2020 में लॉन्च हुई इस कार को लॉन्च के सिर्फ 18 दिनों में 15,000 बुकिंग मिल चुकी थी। वर्तमान में, इस गाड़ी के लिए वेटिंग पीरियड दस महीने का चल रहा है। ऐसे में इस गाड़ी को लेने के लिए १० महीने तक इंतजार करना होगा। इसके अलावा हुंडई की नई क्रेटा भी दिनों उच्च मांग में है। कार को 2020 में लॉन्च किया गया था, और यदि आप इसे अभी खरीदना चाहते हैं, तो आपको आठ से नौ महीने इंतजार करना पड़ सकता है। निसान मैग्नेट की बात करें तो इसका इंतजार पीरियड औसतन सात महीने का है। इस कार को दिसंबर 2020 में लॉन्च किया गया था। वहीं सितंबर 2020 में लॉन्च किआ सॉनेट के लिए ग्राहकों को 5 महीने तक प्रतीक्षा करना पड़ रहा है।
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