चूक गये ना! 18 रुपये का शेर 1300 का हो गया!

दिवालिया हो चुकी कंपनी ने लोगों को बनाया अमीर, 7000 प्रतिशत का दिया रिटर्न

वो कहते हैं ना आम के आम और गुठलियों के भी दाम। पर यदि आपको गुठलियों के दाम आम से भी ज्यादा मिले तो। कुछ ऐसा ही हुआ है शेयर मार्केट में, जहां पिछले चार महीनों में एक फार्मा कंपनी के शेयरों में लगभग 7,000 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। अभी भी ये स्टॉक ऊपर ही जा रहे है। यहां हम ऑर्किड फार्मा लिमिटेड की बात कर रहे हैं।
दिवालिया घोषित होने के बाद धानुका लैब ने खरीदा
आपको बता दें कि आर्किड फार्मा के दिवालिया घोषित होने के बाद, धानुका लैब ने इसे एनसीएलटी के संकल्प योजना के तहत खरीदा था। इसके बाद ऑर्किड फार्मा के स्टॉक को मानो पर लग गए। इसके साथ ही फार्मा स्टॉक ऑर्किड फार्मा ने भी रिटर्न के मामले में बिटकॉइन को पछाड़ दिया है। आर्किड फार्मा के शेयरों ने पिछले 4 महीनों में 7000 फीसदी की वापसी की है जबकि इस बीच बिटकॉइन में 203 प्रतिशत का रिटर्न मिला है।
आपको बता दें कि 3 नवंबर, 2020 को स्टॉक एक्सचेंज में ऑर्किड फार्मा के शेयरों को फिर से सूचीबद्ध किया गया था। तब से कंपनी के शेयरों में गिरावट नहीं आई है। कंपनी का स्टॉक हर दिन ऊपरी सर्किट से गुजर रहा है। बुधवार, 10 मार्च को स्टॉक में 5 प्रतिशत ऊपरी सर्किट था और एनएसई पर 1307.55 रुपये पर बंद हुआ।  
रीलेस्टिंग के समय कंपनी की शेयर की कीमत 18 रुपये थी
आपको बता दें कि जब 3 नवंबर, 2020 को ऑर्किड फार्मा को फिर से सूचीबद्ध किया गया था तब शेयर की कीमत 18 रुपये थी, जो 10 मार्च 2021 को बढ़कर 1307.55 रुपये हो गई। यदि आप इसे इस तरह से देखते हैं, तो 128 दिनों में, निवेशकों को 10,000 रुपये के निवेश पर 7.25 लाख रुपये मिलते हैं।
मार्केट कैप बढ़कर 5,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया
चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में कंपनी को 102.63 करोड़ रुपये का राजस्व और 45.33 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंपनी को मार्च 2020 में 505.45 करोड़ रुपये का राजस्व और 149.84 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। चेन्नई स्थित फार्मा कंपनी ने अपनी मार्केट कैप बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये कर दी है। आर्किड फार्मा में धनुका लैब की 98.04 प्रतिशत हिस्सेदारी है।  इसके अलावा अन्य वित्तीय संस्थानों की हिस्सेदारी 1.19 फीसदी है।  इसलिए खुदरा निवेशकों की कंपनी में केवल 0.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है।  कंपनी के शेयरों की इस कमी के कारण इसकी कीमतों में उछाल आया है।
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