भारतीय बैडमिंटन टीम ने रचा इतिहास, 73 साल के इतिहास में पहली बार फाइनल में पंहुचा भारत

भारतीय बैडमिंटन टीम ने रचा इतिहास, 73 साल के इतिहास में पहली बार फाइनल में पंहुचा भारत

कल हुए एक रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबला 2-2 से बराबर होने के बाद डेनमार्क के शटलर को 3 गेम के कड़े मुकाबले में हराकर भारत 3-2 से जीतकर रचा इतिहास

भारतीय बैडमिंटन टीम ने एचएस प्रणॉय के एक और शानदार प्रदर्शन के दम पर इतिहास रचते हुए डेनमार्क को सेमीफाइनल में हराकर थॉमस कप के फाइनल में अपनी जगह बना ली है। कल हुए एक रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबला 2-2 से बराबर होने के बाद एक बार फिर डेनमार्क के शटलर को 3 गेम के कड़े मुकाबले में हराकर भारत 3-2 से जीतकर बैडमिंटन के सबसे बड़े टीम टूर्नामेंट के 73 साल के इतिहास में भारत पहली बार खिताबी दावेदारी का अंतिम मुकाबला खेलेगा।
आपको बता दें कि बैंकॉक में हो रहे इस टूर्नामेटं में इससे एक दिन पहले ही भारतीय टीम ने पांच बार की चैम्पियन मलेशिया को 3-2 से हराकर 43 साल के बाद इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। क्वार्टर फाइनल में इसी तरह आखिरी मुकाबला जीतकर प्रणॉय ने भारत को मौजूदा फॉर्मेट में पहली बार इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचाया था। सेमीफाइनल में दोबारा सारा दारोमदार उन पर आया और मैच के दौरान चोट लगने के बावजूद उन्होंने जुझारू खेल से भारत को खिताबी मुकाबले में पहुंचाया। विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता किदाम्बी श्रीकांत ने सिंगल्स, जबकि सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की आठवें नंबर की डबल्स जोड़ी ने अपने-अपने मुकाबले जीतकर भारत को फाइनल की दौड़ में बनाये रखा लेकिन 2-2 की बराबरी के बाद प्रणॉय ने टीम को इतिहास रचने में मदद की।
गौरतलब है कि भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन के विश्व नंबर एक और टोक्यो ओलिंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन से 13-21 13-21 से हारने पर डेनमार्क को 1-0 की बढ़त मिल गई। फिर रैंकीरेड्डी और शेट्टी ने पहले डबल्स मुकाबले में जीत हासिल की। भारतीय जोड़ी ने दूसरे मैच में किम अस्ट्रूप और माथियास क्रिस्टियनसेन को 21-18 21-23 22-20 से हराकर भारत को 1-1 की बराबरी पर ला दिया। इसके बाद श्रीकांत ने दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी एंडर्स एंटोनसेन को 21-18 12-21 21-15 से हराकर 2-1 की बढ़त दिलायी। भारत की कृष्णा प्रसाद गारागा और विष्णुवर्धन गौड़ पंजाला की दूसरी युगल जोड़ी को एंडर्स स्कारूप रास्मुसेन और फ्रेडरिक सोगार्ड को हार का सामना करना पड़ा। इससे दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर थीं।
ऐसे में अनुभवी शटलर प्रणॉय ने पहला गेम गंवाने के बाद वापसी करते हुए अपनी टीम को जीत दिलायी। दुनिया के 13वें नंबर के खिलाड़ी रास्मस गेमके के खिलाफ प्रणय को कोर्ट पर फिसलने के कारण टखने में चोट भी लगी लेकिन इस भारतीय ने मेडिकल टाइमआउट लेने के बाद मुकाबला जारी रखा। वह कोर्ट पर दर्द में दिख रहे थे लेकिन इस परेशानी के बावजूद उन्होंने 13-21 21-9 21-12 से जीत दर्ज कर भारत का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया।
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