थाने आने वाले लोगों को पहले पानी पिलाएं और फिर शांति से पूछिए क्या समस्या है? : पुलिस आयुक्त

थाने आने वाले लोगों को पहले पानी पिलाएं और फिर शांति से पूछिए क्या समस्या है? : पुलिस आयुक्त

समाज में पुलिस की छवि सुधारने के लिए अजय तोमर ने दिया पुलिस वालों को विशेष आदेश

सामान्य रूप से समाज मे पुलिस की छवि बहुत अच्छी नहीं हैं। समाज में नागरिक पुलिस को देख कर घबरा जाते है। ऐसे में समाज में पुलिस की छवि को सुधारने के लिए नगर पुलिस आयुक्त अजय तोमर द्वारा एक नया प्रयोग किया गया है। इसके पीछे एक उद्देश्य थानों में आने वाले आवेदक पुलिस के प्रति एक अच्छी छाप छोड़ें। इसके लिए पुलिस आयुक्त ने पुलिस वालों को थाने आने वाले आवेदकों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं और उनसे पहले पानी पीने का आग्रह करें।


आपको बता दें कि पुलिस आयुक्त ने यह सुझाव दिया कि पहले लोगों को पानी पिलाइये और फिर आगे संवेदनशील होते हुए कार्यवाही कीजिए। आम जनता में पुलिस की छवि खराब क्यों है? यह जानने के लिए कि शहर के जागरूक नागरिकों, गैर सरकारी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करते जो बात सामने आई है वो ये कि जब आवेदक, शिकायत थाने में जाता है, तो पुलिस द्वारा उनसे सख्त शब्दों में बात की जाती है। शिकायत करने वाला व्यक्ति आमतौर पर पीड़ित होता है। ऐसे में पुलिस का व्यवहार उसे और भी गुस्सा दिलाता है।


आम जनता में पुलिस की छवि बदली जा सकती है अगर पुलिस शांति से और संवेदनशील होते हुए मामले को समझे। ऐसे में पुलिस आयुक्त ने हर थाने में आने वाले आवेदकों/आगंतुकों के लिए पानी की व्यवस्था करने का आदेश दिया है। पुलिस को पहले आने वाले लोगों को पानी देना चाहिए और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। थाने में दैनिक व्यय के लिए पुलिस आयुक्त कार्यालय द्वारा आवंटित अनुदान से पानी की बोतलों का प्रावधान किया जायेगा।

पुलिस को संवेदनशील बनाने की जरूरत


गौरतलब है कि लोगों द्वारा प्रताड़ित, दुर्घटना का शिकार या किसी समस्या से दुखी इंसान जब थाने में शिकायत या आवेदन करने आता है तो व्यक्ति दुखी होता है। ऐसे में थाने में बैठे कर्मचारी बिना उनकी भावनाओं को समझे उनके साथ सख्त और असंवेदनशील व्यवहार करता है जो की समाज में पुलिस की छवि खराब करता है। इसीलिए आने वाले व्यक्ति के प्रति पुलिस का संवेदनशील होना जरूरी है।
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